खाप शब्द का इस्तेमाल पहली बार 1890-91 में जोधपुर की जनगणना रिपोर्ट में किया गया था.
अगर ऐतिहासिक दस्तावेजों की माने तो खाप पंचायत की शुरुआत 13वीं शताब्दी में हुई थी.
इतिहास बताता है कि 13वीं शताब्दी में मेरठ मंडल की खापों ने सर्वखाप पंचायत का गठन किया था.
कुछ आंकड़ों के मुताबिक, साल 1950 में पश्चिमी यूपी के मुज़फ़्फ़रनगर ज़िले के सोरेम में आजादी के बाद पहली सर्व खाप पंचायत हुई थी.
दरअसल खाप मुख्य रूप एक गोत्र होता है. इसको क्षेत्रीय सामाजिक संगठन भी कहते है.
खाप पंचयतें मुख्य रूप से तीन कामों पर ज्यादा फोकस करती थी. जिसमें से पारिवारिक या गांव के विवादों को सुलझाना, विश्वास के सिद्धांतों को बनाए रखना या उनकी रक्षा करना, क्षेत्र को बाहरी आक्रमण से बचाना है.
अगर अब तक की सबसे बड़ी खाप पंचायत की बात करें तो दहिया सबसे बड़ी खाप पंचायत है. इसमें 50 से ज्यादा गांव शामिल है.