महाभारत का युद्ध कौरवों और पांडवों के बीच हुआ था.
महाभारत के इस युद्ध में हजारों योद्धा मारे गए थे.
लेकिन सबसे ज्यादा दर्दनाक मौत एक ही वीर की हुई जिसे देखकर कौरवों और पांडवों दोनों ओर की आंखें नम थी.
महाभारत में शामिल होने वाले शूरवीरों को लड़ते समय मृत्यु मिली, लेकिन एक योद्धा ने अपनी मरजी से मृत्यु चुनी.
जी हां हम बात कर रहे हैं भीष्म पितामह की, जिनकी मृत्यु तीरों की शैय्या पर लेटकर हुई थी.
महाभारत के युद्ध में जब कोई भीष्म को हरा नहीं पा रहा था तब अर्जुन शिखंडी को ढाल बनकर पितामह को तीरों से छलनी कर दिया.
शिखंडी ही उनकी मृत्यु का कारण बना. इसके पीछे भी कहानी है कि शिखंड़ी पूर्व जन्म में स्त्री था. पितामह ये जानते थे और उन्होंने औरत पर वार नहीं किया
भीष्म पितामह मृत्यु की शैय्या पर 58 दिनों तक रहे. युद्ध खत्म होने के बाद खुद ही शरीर को त्याग दिया.
बता दें कि भीष्म को को इच्छा मृत्यु का वरदान मिला था. इसलिए युद्ध समाप्त होने तक वे तीरों की शैय्या पर ही रहे.
स्पष्ट कर दें कि यह AI द्वारा निर्मित महज काल्पनिक फोटो हैं, जिनको बॉट ने कमांड के आधार पर तैयार किया है.