22 भाषाओं के ज्ञानी हैं जगद्गुरु श्री रामभद्राचार्य, ऐसे खो दी थी दोनों आंखें

Zee News Desk
Oct 02, 2023

कौन हैं जगद्गुरु श्री रामभद्राचार्य

Jagadguru Sri Rambhadracharya : जगद्गुरु श्री रामभद्राचार्य को आज कौन नहीं जानता. रामभद्राचार्य सम्मानित शिक्षक, विद्वान और लेखक हैं. इन्हें उनके विशाल ज्ञान और हिंदू धर्म के प्राचीन ग्रंथों की गहरी समझ के लिए जाना जाता है.

संगठन

रामभद्राचार्य राष्ट्रीय संत समिति के संस्थापक हैं, जो धार्मिक और सामाजिक कल्याण के लिए एक संगठन है.

राम मंदिर

रामभद्राचार्य ने अयोध्या राम मंदिर के फैसले में महत्वपूर्ण योगदान दिया है.

दृष्टि खो दी

रामभद्राचार्य ने 24 मार्च 1950 को ट्रेकोमा के संक्रमण के कारण अपनी दृष्टि खो दी थी.

पिता

रामभद्राचार्य के पिता बंबई में काम करते थे. ऐसे में उनके दादा ने उन्हें प्रारंभिक शिक्षा प्रदान की.

दादा से मिली प्रेरणा

उनके दादा अक्सर उन्हें दोपहर में रामायण और महाभारत जैसे हिंदू महाकाव्यों की कहानियां सुनाते थे.

पहली कविता

तीन साल की उम्र में ही रामभद्राचार्य ने पहली कविता लिख डाली थी.

कहां जन्‍म हुआ

रामभद्राचार्य का जन्म मकर संक्रांति के दिन 14 जनवरी 1950 को यूपी के जौनपुर जिले के शांडीखुर्द गांव में हुआ था.

22 भाषाओं का ज्ञान

रामभद्राचार्य को 22 भाषाओं का ज्ञान है.

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