Jagadguru Sri Rambhadracharya : जगद्गुरु श्री रामभद्राचार्य को आज कौन नहीं जानता. रामभद्राचार्य सम्मानित शिक्षक, विद्वान और लेखक हैं. इन्हें उनके विशाल ज्ञान और हिंदू धर्म के प्राचीन ग्रंथों की गहरी समझ के लिए जाना जाता है.
रामभद्राचार्य राष्ट्रीय संत समिति के संस्थापक हैं, जो धार्मिक और सामाजिक कल्याण के लिए एक संगठन है.
रामभद्राचार्य ने अयोध्या राम मंदिर के फैसले में महत्वपूर्ण योगदान दिया है.
रामभद्राचार्य ने 24 मार्च 1950 को ट्रेकोमा के संक्रमण के कारण अपनी दृष्टि खो दी थी.
रामभद्राचार्य के पिता बंबई में काम करते थे. ऐसे में उनके दादा ने उन्हें प्रारंभिक शिक्षा प्रदान की.
उनके दादा अक्सर उन्हें दोपहर में रामायण और महाभारत जैसे हिंदू महाकाव्यों की कहानियां सुनाते थे.
तीन साल की उम्र में ही रामभद्राचार्य ने पहली कविता लिख डाली थी.
रामभद्राचार्य का जन्म मकर संक्रांति के दिन 14 जनवरी 1950 को यूपी के जौनपुर जिले के शांडीखुर्द गांव में हुआ था.
रामभद्राचार्य को 22 भाषाओं का ज्ञान है.