बनारस की वो मशहूर तवायफ

Padma Shree Shubham
May 29, 2024

तवायफ

पुराने समय में महल और कोठे हुआ करते थे जहां पर रहने वाली महिलाओं को तवायफ कहा जाता था और ये महिलाएं नाचने गाने का काम करती थीं.

मनोरंजन

इन तवायफों का काम बादशाहों, नवाबों और अमीर लोगों का मनोरंजन करना हुआ करता था.

बेहतरीन

ऐसी ही एक तवायफ थी जानकी बाई जो बला की खूबसूरत थी और बेहतरीन गाती थी. लोगों के दिलों पर वो राज किया करती थी.

प्रोफेसर नीलम

उन तवायफ के जीवन पर साहित्य की प्रोफेसर नीलम सरन गौर ने एक किताब लिखी,

वाराणसी

1880 वाराणसी में जन्मी जानकी का पिता कुछ दिन बाद जानकी और उसकी मां को छोड़ चला गया.

इलाहाबाद

जानकी और उसकी मां मानकी देवी को इलाहाबाद के एक कोठे पर कुछ दिन बाद बेच दिया गया.

संगीत

मानकी तो उस दुनिया की मालकिन बन बैठी पर बेटी जानकी को उसने शास्त्रीय संगीत सिखाया ताकि इस दुनिया से वो दूर रहे.

कोशिश

जानकी जब 12 साल की थी तब एक पुलिसवाले ने जानकी के साथ संबंध बनाने की कोशिश की पर नाकाम रहा.

खूबसूरत

पुलिसवाला इस बात से इतना गुस्सा हुआ कि जानकी के साथ मारपीट तो की ही बल्कि उसके खूबसूरत चेहरे पर चाकू से वार भी किए

चेहरे पर दाग

जानकी बच तो गई लेकिन उसके चेहरे पर किए चाकू से 56 वार ने उसके चेहरे पर दाग दे दिए. तब से जानकी को छप्पन छुरी कहा जाने लगा.

Disclaimer

डिस्क्लेमर: यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ से परामर्श करें. zeeupuk इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

VIEW ALL

Read Next Story