महाभारत कथा में कई रोचक किरदारों का जिक्र किया गया है. इन्हीं में से एक शिखंडी है. जिसके बारे में ज्यादा लोग नहीं जानते हैं.
शिखंडी दिखने में पुरुष की तरह था लेकिन शारीरिक तौर पर वह महिला थी.
इसके बारे में केवल भीष्म पितामाह जानते थे. जब इसका भेद खुला तो युद्ध की नौबत आ गई.
शिखंडी का जन्म राजा द्रुपद के यहां कन्या के रूप में हुआ. उसकी परवरिश बच्चे की तरह ही हुई. वह द्रौपदी के बड़े भाई बने.
राजा ने उसका विवाह भी एक कन्या से कराया लेकिन शिखंडी की सच्चाई जब पत्नी को पता चली तो वह छोड़कर चली गई.
भीष्म पितामह ने युद्ध में शिखंडी से युद्ध करने से मना कर दिया था. उन्होंने दुर्योधन से कहा कि वह शिखंडी पूर्व जन्म में स्त्री था, उसका जन्म कन्या रूप में हुआ है. धर्म उनको महिलाओं पर शस्त्र उठाने की इजाजत नहीं देता है.
भीष्म पितामह को इच्छामृत्यु का वरदान मिला था लेकिन शिखंडी की वजह से उनकी मौत हुई. युद्ध में शिखंडी ने बाणों से भीष्म पितामह को छलनी कर दिया था.कई महीने तक वह बाणों की शैया पर लेटे रहे और सूर्य उत्तरायण में प्राण त्याग दिए.
कहा जाता है कि महाभारत के युद्ध के बाद अश्वत्थामा ने पांडवों से शिविर पर आक्रमण कर दिया था. शिविर में शिखंडी सोया था, उसी समय अश्वत्थामा ने उसका वध कर दिया.
पौराणिक पात्रों की यह कहानी धार्मिक मान्यताओं और ग्रंथों में किए गए उल्लेख पर आधारित है. इसके काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.