जानें कौन था ब्रह्मचारी हनुमान जी का बेटा?

Apr 23, 2024

रामायण

आपने रामायणके कई पात्रों के बारे में सुना और पढ़ा होगा. क्या आपने कहीं पढ़ा है कि आजवीन ब्रह्मचारी रहे हनुमान जी के भी पुत्र था.

कई कथाएं प्रचलित

सोने की लंका जलाने वाले बजरंगबली को लेकर कई कथाएं प्रचलित हैं. हम आपको उनके पुत्र और उसके जन्म की कहानी बताएंगे. तो पढ़िए कैसे हुआ था उनके बेटे का जन्म

मछली से बेटे का जन्म

उनके पुत्र का जन्म एक मछली से हुआ था. पौराणिक कथा के अनुसार रावण ने जब हनुमान जी की पूंछ में आग लगाई थी तब उन्होंने अपनी पूंछ से पूरी लंका को जला दिया था.

पसीने की बूंद समुद्र में गिरी

लंका जलाने के बाद हनुमान जी अपनी पूंछ में लगी आग बुझाने समुद्र में उतरे तब हनुमान जी के पसीने की एक बूंद उस समुद्र के पानी में गिर गई. उस बूंद को एक मछली ने पी लिया था.

मछली हुई गर्भवती

उसी बूंद से गर्भवती हुई और उससे एक पुत्र उत्पन्न हुआ. जिसका नाम पड़ा मकरध्वज.

हनुमान का रूप धरा

ऐसा कहा जाता है कि जब भगवान राम से रावण युद्ध में हारने लगा तो उसने पाताल लोक के स्वामी अहिरावण को श्री राम और लक्ष्मण का हरण करने के लिए मजबूर किया. उसने हनुमान का रूप धरा और उनका अपहरण कर पाताल लोक ले गया था.

हनुमान जैसा रूप

हनुमान फिर श्री राम और लक्ष्मण को ढूंढते हुए जब पाताल लोक पहुंचे तो देखा कि आखिरी द्वार पर उन्हीं के समान बलशाली एक वानर पहरा दे रहा था.

हनुमान जी और मकरध्वज के बीच युद्ध

वह वानर दिखने में एकदम हनुमान जैसा था. हनुमान जी और मकरध्वज के बीच युद्ध हुआ. बजरंगबली ने अपनी पूंछ से उसे बांधकर दरवाजे से हटा दिया था. फिर श्री राम और लक्ष्मण को बंधन से मुक्त कराया.

मकरध्वज है नाम

हनुमान जी के पूछने पर उसने अपना नाम मकरध्वज बताया और अपने पिता का नाम हनुमान बताया. ये सब सुनकर हनुमान जी ने मकरध्वज को अपने गले से लगा लिया.

अप्सरा श्राप के कारण मछली बनी

ऐसा माना कहा जाता है कि मछली पूर्व जन्म में अप्सरा थी जो किसी श्राप के कारण मछली बन गई थी. अहिरावण के बध के बाद हनुमान जी ने अपने बेटे को पातालपुरी का राजा बना दिया था.

Disclaimer

यहां दी गई सभी जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. Zeeupuk इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.

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