अंतिम संस्कार में शामिल सदस्यों को मुंडन करवाना पड़ता है, महिलाओं के लिए मुंडन शुभ नहीं है.
श्मशान घाट पर ऐसी आत्माएं भटकती रहती हैं जो महिलाओं को निशाना बनाती हैं.
शव ले जाने के बाद घर में नकारात्मक शक्तियों का वास हो जाता है इसलिए घर खाली नहीं छोड़ा जाता. महिलाएं घर पर रुकती हैं.
महिलाएं ज्यादा भावुक होती हैं, वो श्मशान जाकर ज्यादा रोएंगी इसलिए उन्हें मनाही होती हैं.
श्मशान के दृश्य देखकर महिलाएं विचलित हो सकती हैं.
श्मशान में चिता को जलता हुआ देखकर महिलाएं मानसिक तौर पर ज्यादा परेशान रह सकती हैं.
ऐसी मान्यता है कि मृत शरीर को अग्नि देते समय अगर कोई रोता है तो आत्मा को शांति नहीं मिलती और महिलाएं अपनी आंसू नहीं रोक पाती.