हिन्दू क्यों रखते हैं सिर पर चोटी, जानें इसके फायदे और नियम

Sandeep Bhardwaj
Sep 06, 2023

हिन्दू धर्म में चोटी रखने की प्रथा ऋषियों के समय से चली आ रही है.

वैदिक संस्कृति और विज्ञान दोनों के अनुसार इसके कई फायदे हैं

मुंडन या किसी की मृत्यु के समय जब बाल हटाए जाते हैं तो चोटी जरूर छोड़नी चाहिए

सिर में जहां पर चोटी या शिखा रखी जाती है उस जगह को सहस्त्रार चक्र कहते हैं. सहस्त्रार चक्र के नीचे ही आत्मा का वास होता है.

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार

चोटी रखने से सहस्रार चक्र जागृत रहता है जिससे बुद्धि, मन और शरीर पर नियंत्रण रखने में सहायता मिलती है.

विज्ञान के अनुसार

विज्ञान के अनुसार इस स्थान पर मस्तिष्क का केंद्र होता है. इसी केंद्र से शरीर के सभी अंगों, बुद्धि और मन को नियंत्रित किया जाता है.

ग्रह दशा शांति के लिए

जिसकी कुंडली में राहु नीच का हो या फिर राहु के कारण अनेक कष्ट आ रहे हों उसे माथे पर तिलक और सिर पर चोटी रखनी चाहिए.

चोटी का आकार

मान्यता है कि सहस्रार चक्र का आकार गाय के खुर के बराबर होता है. इसीलिए चोटी भी गाय के खुर के बराबर ही होनी चाहिए.

कब बांधनी चाहिए चोटी

दान, धर्म, पूजा पाठ और भोजन करते समय चोटी को गांठ बांधकर रखना चाहिए.

कब खोलनी चाहिए चोटी

नित्यकर्म शौच और स्नान करते समय चोटी खोल देनी चाहिए.

VIEW ALL

Read Next Story