भारत का पहला सूर्य मिशन (आदित्य एल1) आज सुबह 11.50 पर श्रीहरिकोटा से प्रक्षेपित किया गया.
इससे पहले चंद्रयान-3 को भी श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया गया था.
आपके मन में भी सवाल आता होगा कि आखिर इन सैटेलाइट को श्रीहरिकोटा से ही क्यों लॉन्च किया जाता है. चलिए आइए जानते हैं.
श्रीहरिकोटा से लॉन्चिंग के कई कारण हैं, जिसमें इसकी लोकेशन प्रमुख वजह है. यह इक्वेटर (भूमध्य रेखा) से करीब है.
ज्यादातर सैटेलाइट्स पृथ्वी की परिक्रमा इक्वेटर के पास ही करते हैं.
यहां से लॉन्चिंग में मिशन की लागत कम रहती है और सफल होने की संभावना ज्यादा होती है.
ज्यादातर सैटलाइट पूर्व दिशा की ओर लॉन्च किए जाते हैं. इसलिए यह लॉन्चिंग के लिए बेहतर जगह मानी जाती है.
पूर्वी तट पर स्थित होने से इसे 0.4 km/s की ज्यादा वेलोसिटी मिलती है. इसके अलावा श्रीहरिकोटा द्वीप के दोनों ओर समुद्र है.
लॉन्चिंग के बाद किसी रॉकेट के अवशेष सीधे समुद्र में गिरते हैं.
अगर मिशन को किसी तरह का खतरा होता है तो उसे समुद्र की ओर मोड़कर जनहानि से बचा जा सकता है.
यहां का मौसम भी इस जगह की खासियत है. यहां ज्यादातर मौसम एक जैसा ही रहता है.
इसी वजह से इसरो रॉकेट लॉन्चिंग के लिए इस जगह का चुनाव करता है.