एक भक्त ने सवाल किया, 'महाराज जी आप भी अन्य की तरह बाहर जाकर सत्संग क्यों नहीं करते हैं. मैं आपके लिए बड़ा आयोजन करना चाहता हूं.
प्रेमानंद महाराज जी ने कहा, ना मैं बड़ा हूं और न प्रवचन करता हूं, कक्षा 9 पढ़ा हूं, हमें कोई ज्ञान नहीं है. ये जो आप सुन रहे हो वह मेरे प्रभु आपको सुनवा रहे हैं.''
उन्होंने कहा, हमारी बात बड़े लोगों के समझ में ही नहीं आएगी. हम धाम निष्ठ गुरु कृपा से हैं, इस शरीर का धाम से बाहर जाना नहीं हो सकता.''
उन्होंने कहा, अगर किसी को समझना है तो एक शब्द से मंगल हो जाएगा, चाहें वह विश्व में कहीं भी हो.
हमारी बात इस कलयुग में अमेरिका में बैठकर भी सुन सकते हैं. इसीलिए इन वीडियो को बनाने की अनुमति दी है.
वरना शुरुआत में प्रवचन के वीडियो बनाने की किसी को भी अनुमति नहीं थी.
उन्होंने आगे कहा, अगर व्यक्ति प्यासा है तो उसे कहीं भी पानी मिलेगा तो वह दौड़कर जाके पी लेगा.
जिसे लाभ लेना है, उसका एक शब्द सुनके हो जाएगा. बात माननी है तो हजार कोस दूर से मान लो, आपका मंगल शुरू हो जाएगा.