ट्रेन से भारत की लाइफलाइन कहा जाता है, आपने भी एक न एक बार इससे सफर जरूर किया होगा.
देखा होगा कि एक ट्रेन के सभी कोच एक जैसे नहीं होते हैं. अलग-अलग कोच के लिए अलग-अलग कोड होता है.
अगर कोच पर एस सीरीज के नंबर लिखे होते हैं, तो इससे पता चलता है कि यह स्लीपर कोच है.
वहीं, थर्ड एसी के लिए अगर बी1, बी2 जैसे कोड का इस्तेमाल किया जाता है.
लेकिन अब ज्यादातर ट्रेन में एक नया कोच भी देखने को मिल रहा है. जिस पर M1, M2 लिखा होता है.
ये कोच स्लीपर से एक क्लास ऊपर और थर्ड एसी से एक क्लास कम होते हैं.
लेकिन एसी-3 टियर के मुकाबले ये ज्यादा हाईटेक सुविधाओं से लैस हैं. कोच के डिजाइन को भी बेहतर किया गया है.
एसी थ्री टियर इकॉनोनॉमी कोच में 72 की जगह 83 सीट होती हैं. अपर बर्थ पर जाने के लिए भी बेहतर सीढ़ी होती हैं.
हर सीट पर एसी डक लगाया गया है. हर सीट के लिए बोतल स्टैंड, रीडिंग लाइट और चार्जिंग की व्यवस्था की गई है.