ट्रेन से आपने भी एक न एक बार सफर जरूर किया होगा. लंबी दूरी के लिए यह एक बेहतर विकल्प है.
रेलवे सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है. इसमें रेलवे की सुरक्षा भी शामिल है.
लेकिन क्या आपको पता है कि ट्रेन के इंजन में सैंड बॉक्स रखा जाता है. आखिर इसका इस्तेमाल कहां होता है, आइए जानते हैं.
बारिश या ग्रीसिंग की वजह से ट्रेन की पटरियां चिकनी हो जाती हैं. ढलान या पड़ाही इलाके में ट्रेन के पहिए फिसलने की आशंका रहती है.
ऐसे में ट्रेन के इंजन में लगे सैंडबॉक्स से रेत गिराई जाती है. जिससे पहिए पटरियों के साथ अच्छी ग्रिप बना सकें.
ट्रेन को इससे चढ़ाई वाले एरिया में चलाने या ब्रेक लगाकर रोकने में मदद मिलती है.
लोको पायलट यह फैसला करता है कि पटरियों पर रेत को कब गिराना है.
लोको पायलट इंजन के नॉच को कम कर वोल्टेज कम करता है. इसके बाद सैंडबॉक्स को ओपन कर देता है. और पटरियों पर रेत गिरने लगती है.