पटरियों के बीच क्यों बिछे होते हैं नुकीले पत्थर, आधे नहीं जानते मतलब

Shailjakant Mishra
Sep 04, 2024

रेलवे

ट्रेन से आपने एक न एक बार सफर जरूर किया होगा. लंबे सफर के लिए इसे बेहतर विकल्प माना जाता है.

नुकीले पत्थर

अगर आपने गौर किया हो तो देखा होगा कि हर जगह रेलवे ट्रैक पर नुकीले पत्थर पड़े होते हैं.

क्या वजह

आखिर क्या वजह है कि रेलवे ट्रैक के बीच में इन नुकीले पत्थरों को बिछाता है. आइए जानते हैं.

ट्रैक बैलेस्ट

रेलवे ट्रैक पर पड़े पत्थर गिट्टी को ट्रैक बैलेस्ट कहा जाता है. इनको ग्रेनाइट, चूना पत्थर आदि के नेचुरल डिपॉजिट से बनाया जाता है.

स्लीपर

रेल पटरियों के बीच बिछे लंबे प्लेट्स को स्पीकर कहा जाता है, ये कंक्रीट के होते हैं.

बैलेंस

ट्रेन का वजह बहुत ज्यादा होता है. जिनको संभालना पटरियों के लिए मुश्किल होता है.

मजबूत पकड़

सबसे ज्यादा वजन इसकी गिट्टी पर ही होता है. नुकीले पत्थर मजबूत पकड़ बना लेते हैं, जो आसानी से ट्रेन के वजन को संभाल लेते हैं.

सुरक्षा

ट्रेन के ट्रैक से गुजरने पर कंपन बहुत ज्यादा होता है. पत्थर इसे स्लीपर में फैलने से रोकते हैं.

नहीं डूबता ट्रैक

बारिश में ये नुकीले पत्थर ट्रैक को डूबने से बचाते हैं. इनसे बरसात का पानी सीधे जमीन में चला जाता है.

पेड़ पौधे नहीं उगते

रेलवे ट्रैक पर नुकीले पत्थर की वजह से ही पेड़ पौधे नहीं उगते हैं. ये गिट्टी घास-पौधों को फलने-फूलने नहीं देतीं.

गोल पत्थर का नुकसान

नुकीले पत्थरों की जगह अगर गोल पत्थर होंगे, तो इनके फिसलने की संभावना काफी ज्यादा होगी और पटरी अपनी जगह से हट जाएगी.

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