एचआईवी (HIV) यानी ह्यूमन इम्यूनोडिफिशिएंसी वायरस एक गंभीर संक्रामक बीमारी है, जो एक्वायर्ड इम्यूनोडिफिशिएंसी सिंड्रोम AIDS का कारण बन जाता है.
हर साल एचआईवी मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है.
क्या आपको पता है कि भारत में HIV का पहला मरीज कब मिला था.?
वर्तमान में भारत में 21 लाख से ज्यादा मरीज AIDS के पाए गए हैं.
एक अनुमान के मुताबिक, भारत में एड्स पीड़ितों की संख्या 30 लाख तक होना मुमकिन है.
हालांकि पिछले कुछ सालों में इस संक्रमण पर कुछ हद तक काबू पाया गया है.
सबसे पहले 1920 में यह बीमारी अफ्रीका के कॉन्गो की राजधानी किंशासा में फैली.
1959 में कांगो के एक बीमार आदमी के खून के सैंपल में सबसे पहले HIV वायरस मिला था.
माना जाता है कि वह पहला HIV संक्रमित व्यक्ति था.
इसके बाद अफ्रीका के लोग बड़ी संख्या में भारत आने लगे.
1986 में चेन्नई की सेक्स वर्कर महिलाओं की बस्तियों से करीब 200 सैंपल लिए गए.
इसमें जांच में 6 महिलाएं एचआईवी संक्रमित पाई गई थीं.
यह पहली दफा था जब भारत में एड्स के मरीज पाए गए थे.
एड्स के प्रति जागरूकता को लेकर हर साल एक दिसंबर को एड्स दिवस मनाया जाने लगा.