इस नगर में पत्थरों की वर्षा होती है और आत्माओं को इन पत्थरों से कुचला जाता है.
यहां आत्माओं को खून, मवाद और मल-मूत्र से भरा हुआ भोजन दिया जाता है.
यहां यमदूतों द्वारा आत्माओं को भयंकर यातनाएं दी जाती हैं.
यहां आत्माओं को रक्त से भरी नदियों में तैरना पड़ता है.
यहां आत्माओं को बार-बार मृत्यु का अनुभव करना पड़ता है.
यह अंधेरे का नगर है जहां आत्माओं को कुछ भी दिखाई नहीं देता है.
यहां भयानक जीवों द्वारा आत्माओं पर हमला किया जाता है.
यहां से भयंकर दुर्गन्ध आती है जो आत्माओं को परेशान करती है.
यहां आत्माओं को पुतलों में बदल दिया जाता है और उन्हें पीटा जाता है.
यहां आत्माओं को भूख से तड़पाया जाता है और उन्हें कौवों द्वारा नोचवाया जाता है.
यहां आत्माओं को सूअरों की तरह जमीन पर रेंगना पड़ता है.
यहां आत्माओं को मारकर उनके खून से नदियां भरी जाती हैं.
यहां आत्माओं को कीड़े-मकोड़े और जूँ खानी पड़ती हैं.
यहां यमदूत आत्माओं से उनका सब कुछ छीन लेते हैं.
यह अंधेरे का नगर है जहां आत्माओं को कुछ भी दिखाई नहीं देता है
यह यमराज का निवास स्थान है जहां आत्माओं को अपना नया जन्म दिया जाता है
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि गरुड़ पुराण में मृत्यु के बाद के जीवन का चित्रण एक प्रतीकात्मक तरीके से किया गया है। इसका उद्देश्य लोगों को अच्छे कर्म करने और बुरे कर्मों से बचने के लिए प्रेरित करना है
यह खबर सिर्फ धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित है. इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. Zee UPUK किसी भी तरह की मान्यता औ धारणा की पुष्टि नहीं करता है.