Hit and Run Law against Truck Drivers Strike : नए कानून के खिलाफ ट्रक चालक और ट्रांसपोर्टर हड़ताल पर हैं. ट्रांसपोर्टर और ट्रक चालकों के हड़‍ताल के चलते कई शहरों में पेट्रोल-डीजल की आपूर्त‍ि प्रभाव‍ित होने लगी है. अगर हड़ताल लंबी चलती है तो आने वाले समय में दूध, फल और सब्‍जी की कीमतों में भी असर दिखने लगेगा. तो आइये जानते हैं ट्रांसपोर्टर-ड्राइवर की क्या मांगें हैं?. 


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सरकार करे पुनर्विचार
ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (AIMTC) के मुताबिक, पिछले दिनों केंद्र सरकार ने तीन नए आपराधिक कानून ले कर आए. इसमें सड़क हादसे में 10 साल की सजा और एक लाख रुपये जुर्माने का प्रावधान किया गया है. नए कानून के लिखाफ ट्रक चालक और ट्रांसपोर्टर हड़ताल पर चले गए. देशभर में ट्रक चालकों ने चक्‍का जाम कर दिया है. ट्रक चालक और ट्रांसपोर्टरों की मांग है कि सरकार नए कानून पर पुर्नविचार करे. 


कल होगी बैठक 
AIMTC का कहना है कि देश में ट्रक चालकों की पहले से ही कमी है. नए कानून के बाद कई ट्रक चालक नौकरी छोड़ रहे हैं. कल दो जनवरी को ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस को बैठक करेगी और आगे की रणनीति तय करेगा. 


पुराने कानून में क्‍या था 
बता दें क‍ि वर्तमान में जो कानून है, उसमें अगर कोई ट्रक चालक दुर्घटना करता है तो उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 279 (लापरवाही से वाहन चलाना), 304A (लापरवाही के कारण मौत) और 338 (जान जोखिम में डालना) के तहत मामला दर्ज किया जाता है. इसके तहत ट्रक चालकों को 2 साल की सजा का प्रावधान था. 


नए कानून में सजा का प्रावधान 
वहीं, अगर नए कानून की बात करें तो अब कोई ट्रक चालक दुर्घटना कर मौके से भागता है तो उसके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता सेक्‍शन 104 (2) के तहत मामला दर्ज किया जाएगा. इसमें ट्रक चालक पर दस साल की सजा का प्रावधान किया गया है. 


पहली स्थिति 
साथ ही इसमें जुर्माने का भी प्रावधान है. नए कानून को दो श्रेणियों में रखा गया है. पहला, ‘लापरवाही से मौत का कारण’, अगर कोई आरोपी ड्राइवर मौत का कारण बनता है तो वह गैर इरादतन हत्या नहीं है. उसे अधिकतम पांच साल की जेल की सजा के साथ-साथ जुर्माना भी भरना पड़ सकता है. 


दूसरी स्थिति 
दूसरा, कोई ड्राइवर लापरवाही या असावधानी से गाड़ी चलाकर किसी की मौत का कारण बनता है और भाग जाता है. साथ ही घटना के बाद किसी पुलिस अधिकारी या मजिस्ट्रेट को घटना की रिपोर्ट नहीं करता है, तो उसे जुर्माना के साथ-साथ दस साल तक की जेल का सामना करना पड़ेगा. मौजूदा समय में पहचान के बाद हिट-एंड-रन मामलों के आरोपियों पर धारा 304 ए के तहत मुकदमा चलाया जाता है.