अमित सोनी/ललितपुर: उत्तर भारत कड़ाके की ठंड से परेशान है. पारा लगातार गिरता ही जा रहा है. लोग अलाव का सहारा लेकर खुद को बचाने की कोशिश में जुटते नज़र आ रहे हैं. दिल्ली और उत्तर प्रदेश में मरने वालों का आंकड़ा भी 50 के करीब पहुंच चुका है. ऐसे में जरुरत है तो, गरीबों को सहारा देने की. ये ही वजह है कि सीएम खुद अब रैन बसेरों में जाकर हालातों का जायज़ा भी लेते नज़र आये. वहीं, बुंदेलखंड के ललितपुर ज़िले में इस बार की सर्दी ने पिछले कई सालों के रिकॉर्ड तोड़ दिया हैं. पिछले 2 दिनों से ज़िले में तापमान 6 डिग्री तक रहा है. जिसकी वजह से लोग घरों के अंदर ही रहने को मजबूर हैं.


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वहीं, बढ़ती सर्दी गरीब और बेसहारा लोगों के लिये मुसीबत बनी है. इस सर्दी से बचाव के अलाव ही एकमात्र सहारा रहता है. ललितपुर जिला प्रशासन का दावा है कि शहर के सभी चौराहों और मुख्य स्थानों पर नगरपालिका ने रात और सुबह की ठंड से बचाव के लिये लकड़ियों को जलाकर अलाव की व्यवस्थायें की हैं. लेकिन, जब आज सुबह-सुबह जबरदस्त ठंड में ज़ी मीडिया की टीम ने रियल्टी चेक किया तो, किसी भी मुख्य चौराहों पर जैसे वर्णी चौराहा, पुरानी नगर पालिका, तुवन चौराहा पर अलाव जलता हुआ नहीं मिला. बल्कि, गरीब और आम लोग कचरा और कतरन जलाकर आग तापते नजर आए.


इन लोगों ने बातचीत में कहा कि नगर पालिका द्वारा इस बार अलाव की व्यवस्थाएं न के बराबर ही की गई हैं. आम जनता और गरीब लोग सर्दी से बचाव के लिये अलाव की जगह कचरा और छोटी-छोटी लकड़ियों को जलाकर सर्दी से बचाव करने को मजबूर हैं. जिला प्रशासन द्वारा नगर पालिका को जगह-जगह अलाव जलाने के निर्देश तो दिए गए हैं. लेकिन, नगर पालिका के कर्मचारी सिर्फ आलाधिकारियों के बंगलों के बाहर ही अलाव जलाने की व्यवस्था कर अपनी पीठ थपथपा रहे हैं.
  
वहीं, ज़ी मीडिया ने इस बारे में ललितपुर एडीएम से वार्ता की तो, उन्होंने ज़िले में ठंड से बचाव को लेकर की गई तमाम व्यवस्थाओं को लेकर जानकारी दी. लेकिन, जब उन्हें इस तरह से नगर पालिका कर्मियों द्वारा लापरवाही किये जाने की बात पता चली तो, उन्होंने सुबह खुद जाकर देखने और दोषियों के खिलाफ कार्यवाही करने की बात कही. साथ ही अलाव की अच्छी व्यवस्था करने का भी आश्वासन दिया है. 


(संपादन - नैन्सी श्रीवास्तव)