यूपी में नहीं चलेगा 100 रुपये में जमीन खरीदने-बेचने का खेल, योगी सरकार लगा दी बड़ी शर्त
Power of Attorney: यूपी की योगी सरकार ने उस खेल पर चाबूक चला दिया है जिसमें करोड़ों रुपये के स्टांप को महज 100 रुपये के स्टांप पर पावर ऑफ अटार्नी लेने और बेचने का सिलसिला चल रहा था. खून के रिश्तों को छोड़कर बाहर के किसी व्यक्तियों को अगर पावर ऑफ अटार्नी की संपत्तियों पर तय स्टांप शुल्क देना होगा.
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार ने पावर ऑफ अटार्नी के खेल पर जबरदस्त चाबूक चलाया है. करोड़ों रुपये के स्टांप को महज 100 रुपये के स्टांप पर पावर ऑफ अटार्नी को लेने और फिर उसे बेचने के खेल पर सरकार ने रोक लगा दिया है. अब खून के रिश्तों को छोड़कर किसी भी बाहर के व्यक्तियों को अब सर्किल रेट का सात फीसदी स्टांप शुल्क पावर ऑफ अटार्नी वाली संपत्तियों पर देना ही होगा. सीएम योगी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में इस फैसले पर मुहर लगा दी गई.
किनको है छूट
परिवारिक सदस्यों जैसे कि पिता, माता, पति, पत्नी, पुत्र, पुत्रवधू इसके साथ ही पुत्री, दामाद, भाई, बहन, पौत्र, पौत्री जिसमें बेटे का पुत्र और पुत्री, नाती, नातिन शामिल हैं. इन सभी मुख्तारनामा के माध्यम से संपत्तियां हस्तांतरण हो सकेंगी. 5000 रुपये स्टांप शुल्क देय होगा.
स्टांप तथा न्यायालय शुल्क पंजीयन मंत्री हैं रवींद्र जायसवाल जिन्होंने इस बारे में जानकारी दी कि संपत्ति की देखभाल करने के लिए की गई पावर ऑफ अटार्नी को स्टांप शुल्क में नहीं रखा गया है. पावर ऑफ अटार्नी के सहारे संपत्तियों को खरीदने बेचने का बड़ा धंधा बड़े शहरों से लेकर गांवों तक चल रहा है. बिल्डर और प्रापर्टी डीलर इसके सहारे विशेषतौर पर करोड़ों के स्टांप शुल्क चुरा रहे हैं.
पश्चिमी उत्तर प्रदेश
अकेले दो लाख से अधिक पावर आफ अटार्नी पश्चिमी उत्तर प्रदेश में ही पकड़े गए हैं जिसकी आड़ में किसानों को धोखे का शिकार होना पड़ रहा है. किसानों को भूमि का तो भुगतान हो रहा है पर रजिस्ट्री न करके पावर ऑफ अटार्नी कर दी गई और फिर बाद में भूमि को टुकड़ों में बेचा गया जिससे तीन गुना मुनाफा हुआ और फिर रजिस्ट्री सीधे किसान से कराई गई. इससे सरकार को राजस्व का नुकसान और किसानों और शहर के गरीबों का भी भारी नुकसान हो रहा है. पावर ऑफ अटार्नी पर भूमि रो बेचने का अधिकार देने से ये भी हो रहा कि उन्हें आयकर की नोटिस भेजी जा रही हैं.
रवींद्र जायसवाल ने जानकारी दी कि इस खेल को रोकने के लिए खून के रिश्तों के बाहर अगर प्रापर्टी बेचने की पावर ऑफ अटार्नी की गई तो इसको भी रजिस्ट्री के समकक्ष ही मान लिया जाएगा. इस तरह 7 फीसदी स्टांप शुल्क होता है. मुख्तारनाम विलेख पर इसके लिए स्टांप शुल्क की देयता को लेकर भारतीय स्टांप अधिनियम 1899 में संशोधन को मंजूरी मिली है.
WATCH: राहु-केतु ने 18 महीने बाद बदली अपनी चाल, इन 5 राशियों को छोड़कर बाकी हो जाएं सावधान