Mahoba News: बुंदेलखंड के महोबा में वाटरलाइन डालने में बड़ा खेल उजागर हुआ है. कार्यदायी संस्‍था व अफसरों पर गाज गिरी है. साथ ही कार्यदायी संस्‍था पर 10 लाख रुपये का जुर्माना भी ठोका है. दरअसल, जल जीवन मिशन के तहत महोबा में वाटरलाइन डालने का कार्य सीनसीज लिमिटेड कंपनी को दिया गया था. जिले के दो गांवों में वाटरलाइन डालने में लेटलतीफी होने पर जिले के एडीएम नमामि गंगे और जल निगम (ग्रामीण) के अधिशासी अभियंता पर गाज गिरी है. 


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इन पर गिरी गाज 
दोनों अधिकारियों को कार्रवाई के दायरे में लाते हुए जवाब-तलब किया गया है. पूरे मामले में नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग के प्रमुख सचिव अनुराग श्रीवास्तव ने विभाग के आला अफसरों से रिपोर्ट मांगी है. 


समीक्षा बैठक में खुली पोल 
बता दें कि बुंदेलखंड के महोबा जिले में हर घर जल योजना का लक्ष्य तेजी से पूरा किया जा रहा है. यहां ग्रामीणों को नल से जल पहुंचाने का 97.50% से अधिक काम पूरा हो चुका है. यूपी में महोबा जिला सर्वाधिक नल कनेक्शन देने में पहले स्थान पर है. इस बीच पिछले सप्ताह समीक्षा के दौरान महोबा के कबरई विकाखंड के अलीपुर और सुखौरा गांव में वाटरलाइन नहीं होने की शिकायत मिली. 


10 लाख रुपये का जुर्माना 
पूरे मामले पर तत्काल एक्शन लेते हुए नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग ने अलीपुर और सुखौरा गांव से रिपोर्ट तलब की. कार्यदायी कंपनी द्वारा लेटलतीफ वाटरलाइन डालने की रिपोर्ट सामने आई, जिसपर कार्रवाई करते हुए राज्य पेजयल एवं स्वच्छता मिशन के अधिशासी निदेशक बृजराज यादव ने सीनसीज टेक लिमिटेड पर 10 लाख का जुर्माना ठोका है. 


सात दिनों में वाटर लाइन बिछाने का निर्देश 
साथ ही अगले सात दिनों के अंदर गांव में वाटर लाइन बिछाने का काम पूरा करने के निर्देश दिए हैं. अन्य जिलों में काम कर रही कार्यदायी संस्थाओं को हर घर जल योजना में लापरवाही बरतने पर गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी है. राज्य के समस्त अधिशासी अभियंताओं समेत जिले के अन्य विभागीय अधिकारियों को गांव-गांव जाकर निरीक्षण करने की हिदायत भी दी है. 


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