नीना जैन/सहारनपुर: अब आपको अपने अपने छोटे-छोटे मामलों के वादों के लिए अदालत जाने की जरूरत नहीं होगी. आप घर बैठे ही बैंक की रिकवरी से लेकर, पारिवारिक वाद तक का वीडियो कॉल के माध्यम से  निस्तारण पा सकते हैं. आपको इन सभी वादों के लिए घरों से बाहर निकलने की जरुरत नहीं पड़ेगी. सहारनपुर में राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण एवं उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वाधान में सहारनपुर मुख्यालय व तहसीलों में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन वर्चुअल मोड़ से संपादित किया जाएगा. 


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इसमें जिन मामलों में वादी की उपस्थिति आवश्यक नहीं है उनका निस्तारण मोबाइल या वीडियो कॉल के माध्यम से कर सकते हैं. इस संबंध में सभी प्रकार के शमनीय अपराधिक मामले, चेक बाउंस से संबंधित, उत्तराधिकारी के वाद, बैंक रिकवरी, मोटर दुर्घटना, संवाद बिजली एवं जल संबंधित, वैवाहिक पारिवारिक वाद, भूमि सेवानिवृत्ति के परिणामों संबंधित राजस्व तथा अन्य सिविल वादों का निस्तारण किया जा सकता है.


मोबाइल नंबर से भी सुलझाया जा सकता है 
 जिला न्यायाधीश अश्विनी कुमार त्रिपाठी ने पत्रकारों बताया कि अदालतों में हजारों की संख्या में ऐसे मामले हैं जिनका निस्तारण वर्चुअल संवाद द्वारा हो सकता है. कई मामले ऐसे है जिनकी संख्या 35000 से भी ज्यादा है. उन्हें मोबाइल नंबर या वीडियो कॉल के माध्यम से सुलझाया जा सकता है या समझौता कराया जा सकता है. पीठासीन अधिकारी द्वारा पक्षकार के उपलब्ध मोबाइल नंबर द्वारा किया जा सकता है. 


व्हाट्सएप पर भी ली जा सकती है सहमति
इतना ही नहीं इसका सत्यापन व्हाट्सएप पर भी समझौते के संदर्भ में पक्षकारों की सहमति ली जा सकती है. पीठासीन अधिकारी के माध्यम से सूचना संबंधित पक्षकार को दी जायेंगी और नियत तिथि को समझौते का सत्यापन किया जा सकेगा.


कोर्ट में आने वाली भीड़ में होगी कमी 
उन्होंने कहा कि चेक बाउंस, बैंक रिकवरी, मोटर दुर्घटना के मामले बिजली और जल संबंधित मामलों के राजस्व वाद सर्वाधिक हैं. इन मामलों के वर्चुअल संवाद व्हाट्सएप या वीडियो कॉल द्वारा किए जाने से अदालतों में आने वाली भीड़ से भी बचा जा सकेगा. कोविड-19 में जहां मास्क का उपयोग सबसे ज्यादा जरूरी है सोशल डिस्टेंसिंग जरूरी है ऐसे में वीडियो कॉल द्वारा मामले निपटाए जाने से इनका पालन ज्यादा बेहतर तरीके से हो सकेगा. 


ग्रामीण क्षेत्रों के लोग भी उठा सकेंगे लाभ 
उन्होंने कहा कि वैवाहिक पारिवारिक वाद भी इसके द्वारा निपटाए जा सकते हैं. तलाक के मामलों को छोड़कर. उन्होंने बताया कि 10 हजार से भी ज्यादा बैंक रिकवरी के वाद हैं. जो केवल वीडियो द्वारा निपटाए जाने से अदालतों का भी भार कम होगा. अन्य दूसरे मामलों में विचार करने के लिए ज्यादा समय मिलेगा .उन्होंने बताया कि यह एक सराहनीय पहल होगी. उम्मीद करते हैं कि इसका लाभ शहर के लोगों के साथ-साथ ग्रामीणों क्षेत्रों के लोग भी बेहतर तरीके से उठा सकेंगे. 


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