US India Agricultural Trade: अमेरिका के कृषि विभाग की अंडर सेक्रेटरी एलेक्सी टेलर ने ज़ी न्यूज़ को दिए एक विशेष इंटरव्यू में कहा कि भारत और अमेरिका कृषि क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं.  उन्होंने कहा कि "दोनों देशों में कृषकों की बड़ी आबादी है, इसलिए हम मिलकर वैश्विक खाद्य संकट को हल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं."


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टेलर ने कहा कि अमेरिका भारत के बाजारों में अमेरिकी कृषि उत्पादों के लिए अधिक पहुंच चाहता है. उन्होंने यह भी बताया कि पिछले एक साल में भारत और अमेरिका ने अपने कृषि विवादों को सुलझा लिया है, जिससे दोनों देशों के बीच सहयोग के नए अवसर पैदा हुए हैं


मुख्य बिंदु:
- भारत और अमेरिका मिलकर कृषि क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने पर काम करेंगे.
- दोनों देशों का मानना ​​है कि वे मिलकर वैश्विक खाद्य सुरक्षा को मजबूत कर सकते हैं.
- अमेरिका भारत में अपने कृषि उत्पादों के लिए अधिक बाजार चाहता है.
- पिछले एक साल में कृषि विवादों को सुलझाने से भारत और अमेरिका के बीच सहयोग बढ़ा है.


एलेक्सी टेलर नेइस बात पर ज़ोर दिया कि भारत और अमेरिका मिलकर कृषि क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने और वैश्विक खाद्य सुरक्षा को मजबूत करने के लिए काम कर रहे हैं.


महिला सशक्तिकरण:
टेलर ने कहा कि दोनों देशों में कृषि क्षेत्र में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका है. महिलाओं को सशक्त बनाने और उन्हें कृषि क्षेत्र में बेहतर अवसर प्रदान करने के लिए भारत और अमेरिका मिलकर काम कर रहे हैं.


खाद्य सुरक्षा:
टेलर ने यह भी कहा कि भारत और अमेरिका दोनों ही देशों में बड़ी संख्या में किसान हैं. मिलकर काम करने से दोनों देश न केवल अपनी खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं, बल्कि वैश्विक खाद्य संकट को कम करने में भी महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं.


अमेरिकी कृषि उत्पादों के लिए बाजार:
अमेरिका चाहता है कि भारत के बाजार में अमेरिकी कृषि उत्पादों को अधिक पहुंच मिले. पिछले साल, भारत और अमेरिका ने अपने कृषि विवादों को सुलझा लिया था, जिससे दोनों देशों के बीच सहयोग के नए अवसर पैदा हुए हैं.


सहयोग का भविष्य:
टेलर ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच कृषि क्षेत्र में सहयोग मजबूत हो रहा है. दोनों देश टिकाऊ कृषि और कृषि अनुसंधान जैसे मुद्दों पर भी मिलकर काम कर रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका केवल अपने कृषि उत्पाद ही भारत में निर्यात नहीं करना चाहता, बल्कि नई कृषि तकनीक और स्थायी विकास प्रोद्यौगिकी भी देना चाहता है.