देहरादून: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत (Tirath Singh Rawat) अक्सर अपने बयानों के कारण चर्चा में रहते है. अब उन्होंने मरकज (Markaz) और कुंभ मेला (Kumbh Mela 2021) पर बयान दिया है. मुख्यमंत्री रावत ने कहा है कि हरिद्वार में चल रहे कुंभ मेले की तुलना निजामुद्दीन मरकज के कार्यक्रम से नहीं की जानी चाहिए, जो बंद जगह में हुआ था और उसमें देश के बाहर के लोगों ने भी शिरकत की थी. 


'कुंभ और मरकज की तुलना नहीं'


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एक 'टॉक शो' में मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत (Tirath Singh Rawat) ने कहा कि कुंभ (Kumbh) और मरकज (Markaz) के बीच कोई तुलना नहीं होनीं चाहिए. उन्होंने कहा कि कुंभ को मरकज से नहीं जोड़ना चाहिए क्योंकि मरकज एक कोठी की तरह बंद जगह में हुआ था जबकि कुंभ का क्षेत्र बहुत बड़ा, खुला हुआ और विशाल है. मुख्यमंत्री से सवाल किया गया था कि दो धार्मिक आयोजनों (निजामुद्दीन मरकज और कुंभ) को एक जैसा क्यों नहीं माना जा सकता क्योंकि कुंभ में भी भीड़ आ रही है जो कोरोना की दूसरी लहर को और तेज कर सकती है. 


'कुंभ में बाहर के लोग नहीं'


हरिद्वार कुंभ और निजामुद्दीन मरकज के बीच एक और अंतर बताते हुए रावत ने कहा कि कुंभ में आ रहे श्रद्धालु बाहर के नहीं बल्कि अपने ही हैं. इसके अलावा, उन्होंने कहा कि जब मरकज हुआ था तब कोरोना के बारे में कोई जागरूकता नहीं थी और न ही कोई दिशा-निर्देश थे. यह भी किसी को नहीं पता कि मरकज में शामिल हुए लोग कितने समय उस बंद जगह में रहे जबकि अब Covid-19 के बारे में ज्यादा जागरूकता है और उससे बचने के लिए दिशानिर्देश भी हैं. 


'आस्था को अनदेखा नहीं किया जा सकता'


रावत ने कहा कि कुंभ बारह साल में एक बार आता है और यह लाखों लोगों की आस्था तथा भावनाओं से जुड़ा हुआ है. उन्होंने कहा कि Covid-19 की चुनौतियों के बीच दिशा-निर्देशों के सख्त अनुपालन के साथ इसे सफलतापूर्वक आयोजित कराना हमारा लक्ष्य है. रावत ने कहा कि लोगों का स्वास्थ्य प्राथमिकता है लेकिन आस्था के मामलों को भी पूर्ण रूप से अनदेखा नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा कि हाल में निस्संदेह कोविड-19 के मामलों में वृद्धि हुई है लेकिन हम स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशानिर्देशों का पालन कर रहे हैं और स्वस्थ होने की दर भी अच्छी है.


चांज के बाद ही प्रवेश


सीएम रावत ने कहा कि किसी भी स्थिति का पालन करने के लिए पर्याप्त व्यवस्था है. बड़े पैमाने पर मास्क और सेनेटाइजर की व्यवस्था की गई है और कोविड-19 दिशानिर्देशों के सख्त अनुपालन के लिए पूरी मशीनरी दिन रात लगी हुई है. उन्होंने कहा कि हरिद्वार में प्रवेश और मेले में आने से पहले सीमाओं पर लोगों की जांच की जा रही है और इस दौरान रैंडम जांच की जा रही है. 


बुधवार को तीसरा शाही स्नान


बता दें, बुधवार को हरिद्वार महाकुंभ का बैसाखी पर्व का तीसरा शाही स्नान है. इस बीच, उत्तराखंड में मंगलवार को कोविड-19 के मामलों में और उछाल आया और पूरे प्रदेश में 1925 नए मामले सामने आए. देहरादून में सर्वाधिक 775 नए कोविड मामले आए जबकि हरिद्वार में 594, नैनीताल में 217 और उधमसिंह नगर में 172 नए मरीज मिले. इसके अलावा पिछले 24 घंटों में महामारी से पीड़ित 13 मरीजों ने दम तोड़ दिया.


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