Uttarkashi Tunnel Latest News:  सिलक्यारा टनल में फंसे सभी 41 श्रमवीरों के लिए मंगलवार का दिन मंगलकारी रहा. 17 दिन की अथक मेहनत के बाद उन्हें टनल से बाहर निकाल लिया गया. टनल से जब मजदूर बाहर निकले तो उनके चेहरे का भाव बता रहा था कि किस तरह से उन्होंने मौत को मात दी. 17 दिन के प्रयास में उम्मीदी और नाउम्मीदी के दौर को ना सिर्फ मजदूरों ने बल्कि पूरे देश में देखा. इस मिशन में साइंस और आस्था दोनों को मिलन भी देखने को मिला. उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा था कि विशेषज्ञों की कुशलता और बाबा बौखनाथ की कृपा से हम एक मुश्किल मिशन को सफलता के साथ अंजाम तक पहुंचा पाने में कामयाब रहे.


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'एक अलग तरह का था ऑपरेशन'


केंद्रीय मंत्री जनरल (रिटायर्ड) वीके सिंह ने उत्तरकाशी टनल रेस्क्यू ऑपरेशन  पर कहा, 'यह एक बिल्कुल अलग तरह का ऑपरेशन था, जिसमें हमारे सुरंग खोदने वाले वर्कर ही अंदर फंस गए थे. हमें उन्हें हर हाल में सुरक्षित बाहर निकालना था. उनके रेस्क्यू के लिए हमने कई तरह के विकल्पों पर काम शुरू किया और आखिरकार सफल रहे. सबसे बड़ी बात ये थी कि हमारे पीएम मोदी खुद इस अभियान की निगरानी रख रहे थे. इससे सभी एजेंसियों, अधिकारियों और बचाव कार्य में लगे लोगों को प्रेरणा मिल रही थी.'


ऋषिकेश AIIMS के वार्ड में हुए भर्ती


सिलक्यारा टनल से मंगलवार देर शाम निकाले गए सभी 41 मजदूरों को मेडिकल टेस्ट के लिए चिनूक हेलीकॉप्टर के जरिए ऋषिकेश AIIMS में भर्ती करवाया गया है. देहरादून की डीएम सोनिका ने बताया, सभी श्रमिकों को AIIMS के वार्ड में लाया गया है. मेडिकल प्रोटोकॉल के तहत अगले कुछ दिनों तक उनके स्वास्थ्य पर नजर रखी जाएगी. साथ ही विभिन्न टेस्ट करके उनकी फिटनेस को एग्जामिन किया जाएगा. अगर सभी कुछ ठीक रहा तो 2-3 दिनों बाद उन्हें छुट्टी देकर घरों को भेज दिया जाएगा. 



ऋषिकेश AIIMS के वार्ड में हुए भर्ती सिलक्यारा टनल से मंगलवार देर शाम निकाले गए सभी 41 मजदूरों को मेडिकल टेस्ट के लिए चिनूक हेलीकॉप्टर के जरिए ऋषिकेश AIIMS में भर्ती करवाया गया है. देहरादून की डीएम सोनिका ने बताया, सभी श्रमिकों को AIIMS के वार्ड में लाया गया है. मेडिकल प्रोटोकॉल के तहत अगले कुछ दिनों तक उनके स्वास्थ्य पर नजर रखी जाएगी. साथ ही विभिन्न टेस्ट करके उनकी फिटनेस को एग्जामिन किया जाएगा. अगर सभी कुछ ठीक रहा तो 2-3 दिनों बाद उन्हें छुट्टी देकर घरों को भेज दिया जाएगा.


उत्तरकाशी से मजदूर ऋषिकेश के लिए रवाना


उत्तरकाशी से मजदूरों को लाने के लिए चिनूक हेलीकॉप्टर के जरिए ऋषिकेश लाया जा रहा है. सभी 41 मजदूरों को ऋषिकेश एम्स में शिफ्ट किया जाएगा. जहां उन्हें 24 घंटे तक गहन निगरानी में रखा जाएगा. बता दें कि सभी मजदूर स्वस्थ हैं. वहीं मजदूरों के परिवार को सड़क मार्ग के जरिए ऋषिकेश लाया जाएगा.


रैट माइनर्स को उत्तराखंड सरकार देगी 50-50 हजार


वैसे तो सिलक्यारा टनल में रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे रैट माइनर्स ने पैसे लेने से इनकार कर दिया था.उन्होंने कहा था कि उन्होंने अपने जैसे लोगों की मदद की है, हालांकि उत्तराखंड सरकार ने 50-50 हजार की राशि देने का ऐलान किया है. सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सुरंग में फंसे मजदूरों को बचाने के लिए रैट माइनर्स ने अदम्य साहस का परिचय देते हुए हाड़तोड़ मेहनत की थी.


अस्पताल में मजदूरों से मिले सीएम धामी


चिन्यालीसौड़ के अस्थाई अस्पताल में सीएम पुष्कर सिंह धामी ने सभी 41 मजदूरों से मुलाकात की, और एक एक लाख के चेक सौंपे. उन्होंने हर एक मजदूर से हाल चाल जाना, अस्पताल में उन्होंने गब्बर सिंह नेगी से भी मुलाकात की. इससे पहले उन्होंने कहा था कि मजदूरों को जो भी जरूरत होगी उसे राज्य सरकार पूरा करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगी.


'उत्तराखंड में निर्माण कार्य की करेंगे समीक्षा'


जी न्यूज से एक्सक्लूसिव बातचीत में उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि जितने भी निर्माण कार्य चल रहे हैं उसकी समीक्षा करेंगे, इसके साथ ही मजदूरों को मदद के बारे में कहा कि राज्य सरकार ने एक एक लाख रुपए की मदद की गई है. इसके अलावा जब सवाल किया गया कि क्या वो कंपनी से भी मदद के लिए कहेंगे तो उस सवाल के जवाब में कहा कि निश्चित तौर पर बातचीत करेंगे. उन्होंने कहा कि रेस्क्यू टीम की मेहनत औक बाबा बौखनाथ की कृपा से ऑपरेशन कामयाब हुआ और हमें बेहद खुशी मिल रही है.


रेस्क्यू साइट पर फिलहाल कोई निर्माण काम नहीं


उत्तरकाशी के रेस्क्यू साइट पर फिलहाल अभी कोई निर्माण कार्य नहीं होगा. दोबारा काम करने से पहले अब जांच होगी. दिल्ली से विशेषज्ञों की टीम मौके पर जाकर खामियों की जांच करेगी. बता दें कि चारधाम ऑलवेदर प्रोजेक्ट के तहत सिलक्यारा टनल का काम चल रहा था. 12 नवंबर को निर्माण के दौरान सुरंग में 41 मजदूर फंस गए थे.


मजदूरों से मिलेंगे सीएम पुष्कर सिंह धामी


चिन्यालीसौड़ के अस्थाई अस्पताल में सभी 41 मजदूरों को रखा गया है. डॉक्टरों का कहना है कि सभी मजदूर स्वस्थ हैं. इन सबके बीच उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी मजदूरों से मिलने के लिए अस्पताल जाएंगे. बता दें कि 17 दिन के रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद सभी मजदूरों को सिलक्यारा टनल से 29 नवंबर को सुरक्षित निकाला गया था. इस मिशन में देश-विदेश के विशेषज्ञ शामिल हुए थे.


पीएम मोदी के वो शब्द


पीएम मोदी ने सभी 41 श्रमवीरों से बातचीत कर उनकी हौसलाआफजाई की. उन्होंने कहा कि जिस तरह से आप लोगों ने 17 दिनों तक धैर्य दिखाया वो काबिलेतारीफ है. उस मुश्किलों क्षणों को शब्दों से अधिक केवल अनुभव किया जा सकता है. आप लोगों ने आपके परिवार ने जिस धैर्य का परिचय दिया वो अपने आप में अद्भुत है. जब हर पर  मौत का साया मंडरा रहा हो. वैसे हालात में उम्मीद ही जीने का सहारा होती है. हम लोगों के लिए भी यह ऑपरेशन बेहद चुनौतीपूर्ण था. रेस्क्यू ऑपरेशन से जुड़ा हर एक शख्स के लिए आपकी जान को बचाना ही मकसद था. चाहे मुश्किल कितनी भी बड़ी क्यों न हो और अगर मेहनत सही दिशा में किया जाए तो नतीजे सकारात्मक ही होते हैं.