डियर जिंदगी : `अलग` हो जाइए, पर जिंदा रहिए...

Wed, 12 Sep 2018-4:20 pm,

हम बाहरी दुनिया, गरीबी, कड़ी मेहनत से नहीं टूटते, लेकिन जैसे ही दस-बाई-दस के कमरे में तनाव पति-पत्‍नी, मित्र, प्रेमी-प्रेमिका से लिपटता है, तो उसकी पकड़ से निकलना मुश्किल हो जाता है. क्‍यों!

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