Vidisha News: नागपंचमी पर विजय मंदिर में पूजा की तो लगेगा 2 लाख का जुर्माना, इस BJP शासित राज्य में क्यों जारी हुआ आदेश?
Vidisha Vijay Mandir News: बीजेपी शासित मध्य प्रदेश में विदिशा के जिला प्रशासन ने अजीब फरमान जारी किया है. उन्होंने कहा है कि अगर किसी ने नाग पंचमी पर मंदिर में पूजा की 2 लाख का जुर्माना लगेगा. आखिर प्रशासन ने ऐसा क्यों कहा.
Vidisha Bijamandal Temple Mosque Controversy: नागपंचमी पर देश ही नहीं दुनिभर में बसे सनातनी नाग देवता की पूजा करते हैं. आज हम बात पूजा की नहीं बल्कि पूजा पर प्रतिबंध की करेंगे. असल में मध्य प्रदेश के विदिशा में बीजामंडल नाम का एक कैंपस है. जिस पर प्रशासन का ताला लगा हुआ है. तमाम सनातनियों और इतिहासकारों का दावा है कि ये बीजामंडल मस्जिद नहीं बल्कि विजय मंदिर है और नागपंचमी के दिन यहां पर पूजा अर्चना की जाती है.
पूजा अर्चना करने पर जेल की सजा!
हालांकि जिला प्रशासन का कहना है कि ASI के दस्तावेजों में ये कैंपस मंदिर का अवशेष नहीं बल्कि मस्जिद है. इतना ही नहीं ASI की संरक्षित इमारत होने की वजह से यहां पर पूजा नहीं की जा सकती. कलेक्टर के आदेश के मुताबिक अगर किसी ने पूजा की तो उसपर जुर्माना लग सकता है. जेल भी भेजा जा सकता है.
अब हिंदुओं के एक बड़े ग्रुप ने आज शाम यहां पर पूजा करने का ऐलान किया हुआ है. दिलचस्प बात ये है कि यहां के मुसलमान भी इस जगह पर दावा नहीं ठोकते. ऐसे में सवाल ये उठता है कि ऐसे में ASI या सरकार फैसले पर विचार क्यों नहीं करते.
विदिशा के विजय मंदिर में लगा ताला
सूत्रों के मुताबिक देश-दुनिया में नागपंचमी के मौके पर शिव भक्त पूजा अर्चना कर रहे हैं. लेकिन एमपी के विदिशा के विजय मंदिर में प्रशासन का ताला लगा है.
दरअसल ये कोई मस्जिद नहीं बल्कि प्राचीन विजय मंदिर है और यहां पर काफी पहले से पूजा अर्चना होती आई है. इस बात को हिंदू ही नहीं मुसलमान भी स्वीकार करते हैं. इतना ही नहीं इतिहासकार भी इसे पवित्र मंदिर बताते हैं. तारीखों दर तारीख सबूत भी पेश करते हैं.
विदिशा के 'मंदिर' पर क्या दुविधा?
हिंदुओं का दावा है कि ये सूर्य मंदिर है.
ASI का कहना है कि उसके सर्वे के मुताबिक ये मंदिर नहीं मस्जिद है.
कलेक्टर ने सर्वे का हवाला देते हुए पूजा की मनाही का आदेश दिया है.
मुसलमानों का कहना है कि इस परिसर पर हमारा कोई दावा नहीं है.
विदिशा में मंदिर- मस्जिद पर विवाद क्यों पनपा?
औरंगजेब ने मंदिर को मस्जिद में बदला.
बीजामंडल मस्जिद पहले विजय मंदिर था.
8वीं सदी में बनाया गया था ये भव्य मंदिर.
चालुक्य राजाओं ने मंदिर का निर्माण कराया.
परमार शासकों ने मंदिर का पुनर्निर्माण किया.
1682 में औरंगजेब ने इसे मस्जिद बना दिया.
सूर्य मंदिर या मस्जिद, क्या है कलेक्टर का आदेश?
पूजा-अर्चना नहीं कर सकते
उल्लंघन पर 2 साल की जेल
एक लाख का जुर्माना या सजा
जेल और जुर्माना दोनों भी संभव
ASI के अधिकार में पूरा कैंपस
संरक्षित इमारत में पूजा वर्जित
क्या हिंदू आस्था का मान रखा जाएगा?
जिला कलेक्टर के आदेश पर बीजेपी विधायक पूजन के साथ दंगल की बात कर रहे हैं. अब बड़ा सवाल ये है कि क्या आज हिंदू आस्था का मान रखा जाएगा.