बेंगलुरूः कर्नाटक के प्रसिद्ध संस्कृत विद्वान और कन्नड़ कवि बन्नंजय गोविंदाचार्य का 84 वर्ष की आयु में रविवार को उडुपी में निधन हो गया.  राज्य सूचना विभाग के एक अधिकारी ने  बताया, "एक लंबी बीमारी के बाद उडुपी के अंबालापडी में अपने आवास पर उनका निधन हो गया है." उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने सोशल अकाउंट पर शोक जाहिर किया है. 


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गोविंदाचार्य ने लिखी हैं 150 पुस्तकें
उडुपी, बैंगलुरू से करीब 400किमी की दूरी पर स्थित है. 3 अगस्त, 1936 को जन्मे गोविंदाचार्य वेद भाष्य, उपनिषद भाष्य, महाभारत और रामायण जैसे महाकाव्यों और पुराणों के ज्ञान में पारंगत थे. अपने जीवन काल में गोविंदाचार्य ने वेद सूक्तों, शत रुद्रीय, ब्रह्मसूत्र भाष्य और गीता भाष्य पर कई व्याख्यात्मक निबंध लिखे. बन्नंजय एक महान वक्ता भी थे और उन्होंने संस्कृत के प्राचीन दार्शनिक दक्षिपुत्र पाणिनि द्वारा रचित व्याकरण सूत्र भी नए ढंग से लिखे. उन्होंने अपने नाम से करीब 150 पुस्तकें और संस्कृत व्याकरण के करीब 4,000 पृष्ठ लिखे.