Virendra Singh Mast News:  नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष का लाया अविश्वास प्रस्ताव गुरुवार को गिर गया लेकिन लोकसभा में डिबेट के दौरान जब नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी ने अभद्र टिप्पणी की तो गुस्से से तमतमाते हुए सत्ता पक्ष के एक सांसद उनकी तरफ दौड़े और तीखे बोल भी बोले. सदन में अधीर रंजन चौधरी और उस सांसद के व्यवहार से हर कोई हैरान था. नरेंद्र मोदी के जवाब देने के बाद संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने दोनों घटनाओं का जिक्र किया जिसके बाद सांसद ने माफी मांग ली. उसके बाद स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि अधीर रंजन चौधरी के बारे में कहा कि उनका मामला कंडक्ट कमेटी को भेजा जा रहा है जो जांच करेगी और तब तक के लिए उन्हें सदन की कार्यवाही से निलंबित किया जाता है लेकिन यहां हम बात करेंगे की सत्ता पक्ष का वो सांसद कौन था. सत्ता पक्ष की तरफ से आने वाले उस सांसद का नाम वीरेंद्र सिंह मस्त है और वो यूपी के बलिया से सांसद हैं.


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जब विजय मिश्रा को दी थी धमकी


वीरेंद्र सिंह मस्त ने कहा कि सदन और पीठ से वो अपने व्यवहार के लिए माफी मांगते हैं, जिस तरह से नेता प्रतिपक्ष ने उनके नेता के खिलाफ टिप्पणी की थी उससे वो आहत थे और गुस्से में आकर वो उनकी तरफ दौड़े. बता दें कि वीरेंद्र सिंह मस्त मौजूदा समय में बलिया से सांसद हैं और इससे पहले वो यूपी के भदोही संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे थे. वीरेंद्र सिंह मस्त का विवादों से पहले से भी नाता रहा है. तीन साल पहले 2020 की बात है मस्त, भदोही के इंदिरा मिल में स्वदेशी आश्रम में अपने कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर रहे थे, बैठक के दौरान ही ज्ञानपुर से विधायक रहे विजय मिश्रा का किसी ने जिक्र किया था. विजय मिश्रा का जिक्र आते ही वो गुस्से में कहा कि स्वाभिमान से बढ़कर उनके लिए कुछ भी नहीं है, अगर जरूरत पड़ी तो वो किसी बदमाश की मदद नहीं लेंगे बल्कि खुद उनका काम तमाम कर देंगे. हालांकि तुरंत ही यह भी कहा कि वो अपराध और अपराधियों से दूर रहते हैं. 


एक्स एमएलए सुरेंद्र सिंह से विवाद


2023 के फरवरी के महीने में एक व्यापारी नंद लाल गुप्ता ने आत्महत्या की थी. उस प्रकरण में सीएम योगी आदित्यनाथ और गृहमंत्री अमित शाह से दखल की मांग हो रही थी. उस केस में कहा कि हद हो गई है अब कुछ लोग ज्यादा ही आश्वासन चाहते हैं लेकिन उन्होंने पहले ही बात कर ली है. यही नहीं यहां तक कहा था कि उनसे बड़ा नेता आखिर कौन है, इसके अलावा दो साल पहले उन्होंने अपनी ही पार्टी से विधायक रहे सुरेंद्र सिंह से भिड़ गए  थे. उन्होंने कहा था कि पार्टी में कुछ ऐसे भी विधायक हैं जिन्हें लोकतंत्र में भरोसा नहीं है.इस बात पर दोनों के बीच नोकझोक भी हुई थी