Waqf Bill: देश में वक्फ बिल के खिलाफ और समर्थन में एक अनोखी डिजिटल जंग छिड़ गई है. मुस्लिम और हिंदू संगठनों ने अपने-अपने QR कोड लॉन्च किए हैं, जिनके जरिए दोनों पक्ष अपने विचार व्यक्त कर रहे हैं. मुस्लिम संगठन जहां वक्फ बिल के विरोध में मस्जिदों और मुस्लिम मोहल्लों में QR कोड लगा रहे हैं, वहीं हिंदू संगठन गणपति पंडालों, दुकानों और वक्फ बोर्ड के दफ्तरों में वक्फ बिल के समर्थन के लिए QR कोड फैला रहे हैं.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

मुस्लिम QR कोड का मकसद


मुस्लिम संगठनों ने अपने QR कोड के जरिए लोगों से वक्फ बिल का विरोध करने के लिए अपील की है. मस्जिदों और मुस्लिम बहुल इलाकों में इन QR कोड को स्कैन करने पर यूजर्स सीधे जेपीसी (संयुक्त संसदीय समिति) को वक्फ बिल के खिलाफ अपनी प्रतिक्रिया भेज सकते हैं.


हिंदू QR कोड की पहल


वहीं, हिंदू संगठनों ने वक्फ बिल के समर्थन में QR कोड जारी किया है. इस QR कोड को स्कैन करने से लोगों की प्रतिक्रिया सीधे जेपीसी के पास वक्फ बिल के समर्थन में पहुंचाई जा रही है. वीएचपी और अन्य हिंदूवादी संगठनों ने सोशल मीडिया से लेकर सड़कों तक इस मुहिम को तेजी से फैलाया है, खासतौर पर गणपति पंडालों और वक्फ बोर्ड के दफ्तरों के बाहर QR कोड लगाए जा रहे हैं.


सोशल मीडिया पर जंग


QR कोड की यह जंग अब सोशल मीडिया पर भी पहुंच चुकी है, जहां #BanWAQF जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं. पिछले 24 घंटों में हिंदू संगठनों की मुहिम ने तेजी पकड़ी है और वक्फ बिल का समर्थन करने वाले QR कोड की चर्चा सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रही है.


क्या है QR कोड स्कैन का असर?


इस QR कोड को स्कैन करने के बाद लोगों की प्रतिक्रियाएं वक्फ बिल के समर्थन या विरोध में सीधे जेपीसी को मेल के जरिए भेजी जा रही हैं. जिस तरह से फीडबैक देने की अंतिम तिथि पास आ रही है, QR कोड की यह डिजिटल लड़ाई और तेज हो रही है.


आगे क्या?


अब देखना यह है कि QR कोड की इस डिजिटल जंग में जीत किसकी होती है - वक्फ बिल के विरोध में खड़े मुस्लिम संगठन या समर्थन में खड़े हिंदू संगठन. दोनों पक्षों का एजेंडा साफ है, लेकिन इस अनोखी मुहिम का अंत क्या होगा, यह वक्त ही बताएगा.