क्या तिहाड़ जेल में पूरी प्लानिंग के साथ हुई थी गैंगस्टर ताजपुरिया की हत्या, स्टिंग में हुए चौंकाने वाले खुलासे
Tillu Tajpuria Murder Case: दिल्ली हाई कोर्ट ने भी पिछले दिनों इस हत्याकांड को लेकर तिहाड़ जेल के अधिकारियों से सवाल पूछे थे. दो मई को तिहाड़ जेल परिसर के अंदर गैंगस्टर टिल्लू ताजपुरिया की हत्या कर दी गई थी यह पूरी वारदात सीसीटीवी कैमरों में कैद हो गई थी.
Tihar Jail: तिहाड़ जेल में गैंगस्टर टिल्लू ताजपुरिया हत्याकांड ने कई सवालों को जन्म दिया है जिसके जवाब मिलना बाकी है. यह पूरी वारदात सीसीटीवी में कैद हो गई थी. हत्या की वारदात के बाद आठ कर्मचारी सस्पेंड किए गए और 170 से ज्यादा का ट्रांसफर कर दिया गया.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एक निजी टीवी न्यूज चैनल ने तिहाड़ के असिस्टेंट सुप्रिटेंडेंट सोम प्रकाश त्यागी का स्टिंग किया है. कैमरे पर अधिकारी ऐसा जताते हैं कि जैसे कि यह हत्या पूरी प्लानिंग के साथ की गई.
त्यागी ने अपने एक साथी के अचानक छुट्टी पर चले जाने पर भी शक जाहिर किया. उनका यहां तक दावा है कि टिल्लू की हत्या के बाद जब उन्हों ने इमरजेंसी अलार्म बजाना चाहा तो वह बजा ही नहीं.
स्टिंग ऑपरेशन में तिहाड़ का रसोइया यह दावा करता है कि हत्या से तीन दिन पहले भी टिल्लू को मारने की कोशिश हुई थी. उसके खाने में जहर मिला दिया गया था लेकिन टिल्लू को इसका पता लग गया.
उठ रहे कई सवाल?
सवाल उठता है कि अगर हत्या सोची समझी साजिश के तहत की गई तो क्या यह जेल प्रशासन की मिलिभगत के बिना संभव था. तिहाड़ में लगे सीसीटीवी कैमरों की क्या फायदा अगर उनकी मॉनिटरिंग नहीं की जाती. यह भी कहा जाता है कि तिहाड़ में कैदियों के अपने-अपने गुट हैं जिनमें अक्सर झड़प हो जाती है. टिल्लू की हत्या के पीछे भी गैंगवार का हाथ बताया जाता है.
स्टिंग में एक और बड़ा खुलासा तिहाड़ में ले जाने वाले सामान को लेकर हुआ है. खुफिया कैमरे पर जेल के वार्डन सुनील ने बताया कि अफसरों की तलाशी नहीं ली जाती, वही सामान भीतर पहुंचाते हैं.
हाई कोर्ट भी उठा चुका है सवाल
दिल्ली हाई कोर्ट ने भी पिछले दिनों इस हत्याकांड को लेकर तिहाड़ जेल के अधिकारियों से सवाल पूछे थे. पीटीआई भाषा के मुताबिक अदालत ने 25 मई को पूछा कि उच्च सुरक्षा वाले कारावास में कुख्यात अपराधी टिल्लू ताजपुरिया की उसके प्रतिद्वंद्वी गिरोह के सदस्यों ने धारदार हथियार से हत्या कैसे कर दी जबकि सुरक्षाकर्मियों ने सीसीटीवी कैमरों पर घटना को लाइव देखा.
हाई कोर्ट ने सवाल किया कि आपस में संपर्क करने के लिए जेल परिसर में तैनात सुरक्षा कर्मियों के पास ‘वाकी-टाकी’ क्यों नहीं था और इसे अस्वीकार्य बताया.
हाई कोर्ट ताजपुरिया के पिता और भाई द्वारा दायर उस याचिका की सुनवाई कर रहा था, जिसमें दो मई को तिहाड़ जेल परिसर के अंदर हुई बर्बर हत्या की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है.