Indian Cough Syrup Controversy: गांबिया की मेडिसन कंट्रोल एजेंसी ने कहा है कि वह देश में 70 बच्चों की रहस्यमय मौत का कारण अभी तक साफ नहीं कर सकी है. गांबिया में कुछ वक्त पहले बच्चों की मौत के मामले सामने आए थे और शक जताया जा रहा था कि ये मौतें भारत से आयात किए गए एक कफ सिरप के पीने से हुई हैं. लेकिन सोमवार को एजेंसी ने साफ किया 70 बच्चों में से ज्यादातर बच्चे ऐसे थे जिन्होंने कफ सिरप पिया ही नहीं था. अब ये जांच की जा रही है कि बच्चों की मौत कफ सिरप से हुई थी या किसी बैक्टीरिया का शिकार होने की वजह से .


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इस मामले में WHO यानी विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत पर आरोप लगाते हुए भारत से मामले की जांच करने को कहा था लेकिन भारत सरकार ने इस कदम का कड़ा विरोध किया था


भारत सरकार ने कराई जांच
भारत सरकार ने जांच में पाया था कि वो कफ सिरप अमेरिका की एक कंपनी ने गांबिया में बेचने के लिए भारत की फार्मा कंपनी मेडन फार्मा से बनवाया था. ये कफ सिरप केवल गांबिया के लिए ही बनाया गया. कफ सिरप का फ़ॉर्मूला भी अमेरिका से तय हुआ था.  भारत में या किसी दूसरे देश में इस सिरप की कोई खपत नहीं थी.


पहली जिम्मेदारी गांबिया की
भारत सरकार के मुताबिक ऐसे मामलों में पहली जिम्मेदारी गांबिया की बनती है कि किसी भी नई दवा को वो टेस्ट करके ही इस्तेमाल करेगा. हर देश बाहर से मंगाई गई दवाओं के मामले में ऐसा ही करता है. अगर उस देश में ऐसा कोई सिस्टम ना हो तो WHO की ज़िम्मेदारी बनती है कि किसी देश में दवा को क्वालिटी चेक के बाद ही भेजा जाए. इस मामले में ये दोनों काम नहीं किए गए. बल्कि WHO ने अपनी रिपोर्ट में ये कहा कि भारत से आए सिरप के 23 सैंपल चेक हुए थे जिसमें से 4 में समस्या मिली. इस पर भी भारत सरकार ने आपत्ति जताई थी.


अब सवाल WHO या पर उठ रहे हैं कि जब गांबिया में ही मौतों की वजह अब तक तय नहीं हो पाई तो कैसे भारत की फार्मा इंडस्ट्री को कटघरे में खड़ा कर दिया गया.


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