Faridkot Labrador dog Simmy joins duty Punjab Police: देश सेवा यानी मातृभूमि की सेवा और रक्षा से बढ़कर कोई काम नहीं है. ऐसे में आज आपको एक ऐसी सिपाही के बारे में बताने जा रहे हैं जो बिना सैलरी और बिना छुट्टी लिए लंबे समय से देश सेवा कर रही थी. लेकिन कैंसर की बीमारी ने उसे कमजोर करके उसके पैरों की ताकत छीन ली तो उसे घर बैठने को मजबूर होना पड़ा. लेकिन न तो उसने और ना ही उसके अपनों ने हार मानी और फिर उसका इतना ख्याल रखा कि वो आज कैंसर को हराकर वापस अपनी ड्यूटी पर लौट आई है. 


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सिम्मी ने जीती जिंदगी की जंग


यहां हम बात कर रहे हैं पंजाब पुलिस की फरीदकोट डिवीजन को कामयाबी और खुश होने की कई वजहें देने वाली फीमेल डॉगी सिम्मी की जिसकी वापसी ने पूरे पुलिस डिपार्टमेंट को एक बार फिर से गौरवांवित कर दिया है. उसकी वापसी की जानकारी मीडिया से साझा करते हुए फरीदकोट पुलिस ने सिम्मी की काबिलियत का जमकर गुणगान किया. पुलिस ने सिम्मी की वापसी का वीडियो बनाया है जो पेट लवर्स के बीच वायरल हो रहा है.


फरीदकोट के एसएसपी का बयान


फरीदकोट के पुलिस कप्तान हरजीत सिंह ने बताया कि सिम्मी की उम्र भले ही 6 साल हो लेकिन वो अबतक कई नामी गिरामी अपराधियों को नाको चने चबवा चुकी है. उसकी मदद से पुलिस ने कई ऑपरेशन चलाए. उसका स्ट्राइक रेट 100% रहा. सिम्मी ने कई बड़े मर्डर केस सॉल्व करने और ड्रग माफिया की कमर तोड़ने में भी पुलिस की मदद की है. 


जवान की तरह होती देखभाल मिलता है VVIP ट्रीटमेंट


सही इलाज की वजह से सिम्मी का कैंसर पूरी तरह खत्म हो चुका है और वो काम पर लौट आई है. उसके ट्रेनर और हैंडलर दोनों उसकी हेल्थ कंडीशन पर खुशी जताने के साथ ईश्वर का शुक्रिया भी अदा कर रहे हैं. सिम्मी की डाइट से लेकर दवाइयां तक सबका ख्याल कुलबीर सिंह रखते है. जो इसके हैंडलर है वो 24 घंटे इसके साथ रहते है और जब कहीं ड्यूटी पर जाना हो तो यही साथ जाते है. खुद शहर के कप्तान हरजीत सिंह इसका हाल चाल लेने रोज शाम को इसके रूम में आते है. उसे एसी और अन्य सभी सुविधाएं दी जाती हैं और समय समय पर उसका हेल्थ चेकअप कराया जाता है.


पुलिस और फौज में डॉग डिवीजन क्यों? 


सिम्मी के हैंडलर उसकी फुर्ती और सूंघने की क्षमता के कायल हैं. वहीं एक्सपर्ट्स का कहना है कि कुत्तों के सूंघने की क्षमता इंसानों से करीब 1000 गुना ज्यादा होती है. तभी तो सेना, पुलिस और इन्वेस्टिगेटिव एजेंसीज में कुत्तों की भर्ती होती है. किसी अपराधी, लाश, विस्फोटक, नशीले पदार्थ वगैरह ढूंढने के लिए कुत्ते की ही मदद सबसे पहले ली जाती है.