Russia-Ukraine War: भारत की हथियार बनाने वाली कंपनियों ने जो तोप के गोले यूरोप के ग्राहकों को बेचे थे, वह उन्होंने यूक्रेन को दे दिए हैं. रूस के विरोध किए जाने के बावजूद भारत ने व्यापार नहीं रोका है. डिफेंस सेक्टर और भारत-यूरोप के अफसरों ने इसकी पुष्टि की है. हालांकि भारत ने इस रिपोर्ट को खारिज करते हुए इसे भ्रामक बताया. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग के दौरान रॉयटर्स की रिपोर्ट को 'अटकलबाजी और भ्रामक' करार दिया.


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जायसवाल ने कहा, "हमने रॉयटर्स की रिपोर्ट देखी है. यह अटकलबाजी और भ्रामक है. इसमें भारत की ओर से उल्लंघन की बात कही गई है, जबकि ऐसा कुछ भी नहीं है, इसलिए यह गलत और शरारतपूर्ण है."


यूक्रेन को मिले भारतीय हथियार


न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, रूस के खिलाफ लड़ने में यूक्रेन की मदद करने के लिए हथियारों का ट्रांसफर एक साल से ज्यादा समय से हो रहा है. भारतीय हथियार निर्यात नियम घोषित खरीदार के लिए हथियारों के इस्तेमाल को सीमित करते हैं, अगर अवैध ट्रांसफर होता है तो भविष्य में बिक्री खत्म होने का जोखिम रहता है.


रूस ने दो मौकों पर यह मुद्दा उठाया है. जुलाई में जब रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव की जयशंकर के साथ बैठक हुई थी, तब भी यह मुद्दा उठा था.


क्या जानकारी सामने आई?


भारत सरकार के दो अधिकारियों और दो रक्षा उद्योग के लोगों ने रॉयटर्स को बताया कि भारत बेहद ही कम हथियारों का उत्पादन करता है, जिसे यूक्रेन इस्तेमाल करता है. एक अधिकारी का अनुमान है कि यह जंग के बाद से यूक्रेन की ओर से आयातित कुल हथियारों का 1% से भी कम था. 


हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है कि क्या यूरोपीय ग्राहकों ने यूक्रेन को हथियार फिर से बेचे या दान में दे दिए. 


इटली-क्रेज रिपब्लिक दे रहे हथियार


जो यूरोपीय देश यूक्रेन को भारत के हथियार बेच रहे हैं, वे हैं- इटली और क्रेज रिपब्लिक, जो यूरोपीय यूनियन के बाहर से यूक्रेन को तोप के गोले सप्लाई करने का बीड़ा उठाए हुए हैं. 


रॉयटर्स के मुताबिक, व्यावसायिक रूप से मौजूद कस्टम रिकॉर्ड से पता चलता है कि फरवरी 2022 के हमले से पहले के दो साल में, तीन अहम भारतीय गोला-बारूद निर्माताओं - यंत्र, म्यूनिशंस इंडिया और कल्याणी स्ट्रेटेजिक सिस्टम्स - ने इटली और चेक गणराज्य के साथ-साथ स्पेन और स्लोवेनिया को केवल 2.8 मिलियन डॉलर के गोला-बारूद कंपोनेंट्स का निर्यात किया, जहां रक्षा ठेकेदारों ने यूक्रेन के लिए सप्लाई चेन में भारी निवेश किया है.


आंकड़ों से पता चलता है कि फरवरी 2022 और जुलाई 2024 के बीच यह आंकड़ा बढ़कर 135.25 मिलियन डॉलर हो गया, जिसमें तैयार युद्ध सामग्री भी शामिल है, जिसे भारत ने चार देशों को निर्यात करना शुरू कर दिया है.


स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट थिंक-टैंक के आंकड़ों के मुताबिक, भारत ने 2018 और 2023 के बीच लगभग 3 बिलियन डॉलर के हथियारों का निर्यात किया है.