कोलकाता: पश्चिम बंगाल (West Bengal) में तृणमूल कांग्रेस (TMC) छोड़कर बीजेपी (BJP) में शामिल हुए अधिकतर उम्मीदवारों को ऐसा करना भारी पड़ा है. उन्हें विधानसभा चुनाव (Assembly Election Result 2021) में हार का मुंह देखना पड़ा है.


इन नेताओं ने देखा हार का मुंह


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

इस साल की शुरुआत में TMC छोड़कर बीजेपी  (BJP) में शामिल होने वाले राजीब बनर्जी दोमजुर विधानसभा सीट से चुनाव हार गए. इससे पहले वह लगातार दो बार इसी सीट से चुनाव जीते थे. वह तृणमूल के कल्याण घोष से 42,620 मतों से हारे. 


चुनाव में टिकट नहीं मिलने के बाद तृणमूल छोड़ने वाले रबींद्रनाथ भट्टाचार्य को सिंगुर से TMC के उम्मीदवार बेचाराम मन्ना ने करीब 26,000 वोटों से शिकस्त दी. बीजेपी उम्मीदवार इस सीट से पुनर्मतदान की मांग कर रहे हैं. 


हाल में बीजेपी में शामिल हुए अभिनेता रूद्रनील घोष को तृणमूल के नेता शोभनदेब चट्टोपाध्याय ने भवानीपुर से करीब 28,000 वोटों से हरा दिया. इस सीट को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने खाली किया था.


हावड़ा के पूर्व महापौर भी हारे


हावड़ा नगर निगम के महापौर रहे रथिन चक्रवर्ती चुनाव से पहले TMC छोड़कर बीजेपी  (BJP) में शामिल हो गए थे. उन्हें क्रिकेटर से नेता बने मनोज तिवारी ने शिवपुर से 32,000 वोटों से हराया. 


इन हार के बीच बीजेपी में शामिल होने वाले तृणमूल के कई पूर्व नेता विजेता भी बने. वर्ष 2017 में बीजेपी में शामिल हुए पार्टी उपाध्यक्ष मुकुल रॉय कृष्णानगर उत्तर से विजयी रहे. उन्होंने तृणमूल उम्मीदवार कौशानी मुखर्जी को 35,000 मतों के अंतर से हराया. 


शुवेंदु ने किया सबसे बड़ा धमाका


कुछ महीने पहले भाजपा  (BJP) में शामिल हुए मिहिर गोस्वामी ने भी तृणमूल उम्मीदवार रबींद्रनाथ घोष को हराकर नाताबारी सीट से जीत दर्ज की. TMC छोड़कर बीजेपी में आए शुवेंदु अधिकारी ने सबसे बड़ा धमाका करते हुए नंदीग्राम में सीएम ममता बनर्जी को हराया. 


VIDEO



ये भी पढ़ें- Assembly Election Results 2021 LIVE: West Bengal में फिर ममता सरकार, TMC 200 के पार; 100 के अंदर सिमटी BJP


वर्ष 2011 में सत्ता में आई थी ममता


बताते चलें कि टाटा की छोटी कार परियोजना को हटाने के लिए किसानों के आंदोलन के बाद हुगली जिले का सिंगुर भारतीय राजनीति के नक्शे पर अंकित हो गया था. सिंगुर और नंदीग्राम ने 34 साल के वाम मोर्चे के शासन के आधार को हिलाकर रख दिया था. जिसके कारण 2011 में तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी सत्ता में आईं. 


LIVE TV