Subhash Chandra Bose Jayanti 2024: नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 127वीं जयंती पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने केंद्र पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि  यह देश के लिए शर्म की बात है कि नेताजी के लापता होने के इतने वर्षों बाद भी लोग यह नहीं जानते कि उनके साथ क्या हुआ था? नेताजी की मौत की तारीख के बारे में भी किसी को नहीं पता है.


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ममता ने केंद्र पर साधा निशाना


ममता बनर्जी ने नेताजी के लापता होने की जांच कराने का वादा पूरा नहीं करने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केंद्र सरकार पर भी निशाना साधा. देश मंगलवार को नेताजी की 127वीं जयंती मना रहा है. ममता ने यहां बोस की प्रतिमा पर माल्यार्पण के बाद कहा, ‘यह भारत का दुर्भाग्य है कि इतने वर्षों बाद भी हमारे पास नेताजी की मौत की तारीख नहीं है. हम नहीं जानते कि उनके साथ क्या हुआ था. यह शर्मनाक है.’


भाजपा अपना वादा भूल गई


कई लोग मानते हैं कि नेताजी अगस्त 1945 में ताइवान में एक विमान दुर्घटना के बाद लापता हो गए थे. उनके साथ क्या हुआ, इसे लेकर तमाम पक्ष रखे जाते हैं. ममता बनर्जी ने उनकी सरकार द्वारा 2015 में नेताजी से जुड़ी 64 फाइलों को गोपनीय की श्रेणी से हटाये जाने का उल्लेख किया और भाजपा नीत केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ दल सरकार में आने से पहले नेताजी के लापता होने के बारे में जांच कराने के वादे को भूल गई है.


टोक्यो के रेंकोजी मंदिर में नेताजी की अस्थियां


मुख्यमंत्री ने कहा कि वह उन ‘अस्थियों’ को प्राप्त करने की इच्छुक नहीं थीं जिन्हें नेताजी की होने का दावा किया जाता है, बल्कि वह महान स्वतंत्रता सेनानी को जीवित देखना चाहती थीं. खबरों के मुताबिक बोस की अस्थियां टोक्यो के रेंकोजी मंदिर में रखी गई हैं. उनकी अस्थियों को भारत को सौंपे जाने की मांग कई लोगों ने उठाई है.


ममता का हमला


राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए सोमवार को केंद्र सरकार के कार्यालयों में आधे दिन के अवकाश की घोषणा के स्पष्ट संदर्भ में ममता ने कहा कि आज कल राजनीतिक विज्ञापनों के लिए छुट्टियों की घोषणा की जाती है लेकिन उन लोगों के लिए कोई घोषणा नहीं की गयी जिन्होंने देश की स्वतंत्रता के लिए लड़ते हुए अपनी जान न्यौछावर कर दी थी.


..मैं नाकाम रही


मुख्यमंत्री ने कहा, ‘भाजपा ने सत्ता में आने से पहले नेताजी के लापता होने की जांच कराने का वादा किया था लेकिन बाद में वह भूल गयी. मैंने 20 वर्षों तक कोशिश की कि नेताजी की जयंती को राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया जाए लेकिन मैं नाकाम रही, कृपया मुझे माफ कर दीजिए.’


(एजेंसी इनपुट के साथ)