असम में फ्लड जिहाद का मुद्दा लगातार गरमाता जा रहा है... फ्लड जिहाद को लेकर अब असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा जांच करा रहे हैं कि आखिर ये साज़िश किसने रची... कहां कहां है इस साज़िश के तार.. जिसकी वजह से असम में हाहाकारी बाढ़ आई. खास बात ये भी है कि इस मामले में जिस यूनिवर्सिटी का नाम आया है उसके प्रिंसिपल पर लगातार शिकंजा कसता जा रहा है. क्या है पूरा मामला...क्या होता है फ्लड जिहाद.


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क्या आपको जानते हैं कि जिहात कितने तरह के होते हैं.. क्या आप जानते हैं कि लव जिहाद, धर्म जिहा, थूक और जमीन जिहाद के अलावा एक जिहाद और है.. जिस पर सियासी संग्राम भी शुरू हो गया है और मौलाना-मौलवियों की हिंदू संगठनों से जुबानी जंग भी शुरू हो गयी है. हम बात कर रहे हैं जिहाद के नए-नए स्वरूप फ्लड जिहाया या कहें बाढ़ जिहाद.



यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी मेघालय यानि USTM पर असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि यहां फ्लड जिहाद हुआ है. जिस वजह से असम के लोगों की जिंदगी बाढ़ आने की वजह से खतरे में पढ़ गई. इसलिए अब जांच होगी... जांच के लिए एक ज्वाइंट कमेटी बनी है. जिसे असम और मेघालय सरकार मिल कर तैयार करेगी



लेकिन गुवाहाटी हाईकोर्ट के वकील इलियास हिमंता की बात  से नाराज़ हो गए हैं. असम सरकार ने USTM के प्रमुख मकबूल का ओबीसी सर्टिफिकेट भी रद्द कर दिया है. यही नहीं युनिवर्सिटी का ढांचा मस्जिद की तरह बनाने पर भी हिमांता भड़क गए हैं. इस मामले में अब हिमंता को गिरिराज सिंह का साथ भी मिल गया है. 



मौलानाओं और हिंदु संगठनों में भी तीखी नोकझोंक शुरु हो गयी है. असम में आई बाढ़ के बीच मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने हालात को और खराब करने के लिए यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी मेघालय (USTM) को दोषी ठहराया. 


यूनिवर्सिटी ने अपनी भौगोलिक स्थिति का फायदा उठाते हुए एक बड़ी पहाड़ी खोद दी. यूनिवर्सिटी को बनाने के लिए मेघालय की करीब 5 से ज्यादा पहाड़ियों को काटा गया.


यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी मेघालय के द्वारा असम मेघालय सीमा पर अबैध तरीके से पहाड़ को नष्ट करने का आरोप लगाया था. वैसे अब तक लव जिहाद, जमीन जिहाद जैसे शब्दों का इस्तेमाल हो रहा था .. लेकिन असम के मुख्यमंत्री ने जब से फ्लड जिहाद की जिक्र किया है.. तब से सियासत पूरी तरह गरमा गई है


ब्यूरो रिपोर्ट, ज़ी मीडिया