Mayawati On India Alliance: बसपा सुप्रीमो मायावती ने I.N.D.I.A गठबंधन में शामिल होने के संकेत दिए हैं. आज सपा का नाम लेते हुए उन्होंने कहा कि पार्टियों को याद रखना चाहिए कि किसी की कभी भी जरूरत पड़ सकती है. यूपी की पूर्व सीएम ने कहा कि विपक्ष विहीन संसद में देश और आम जन के हित के विधेयकों का पारित होना अच्छी परंपरा नहीं है. बसपा प्रमुख ने कहा कि संसद के दोनों संसदों से लगभग 150 सांसदों का निलंबन संसदीय इतिहास के लिए दुखद और लोगों के विश्वास को आघात पहुंचाने वाला है. आगे मायावती ने सपा को सुना भी दिया. 


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सपा को मायावती का जवाब


दरअसल, विपक्षी गठबंधन की पिछली बैठक में बसपा को भी शामिल करने की चर्चा हुई थी. सपा के नेता रामगोपाल यादव ने इस पर आपत्ति जताई. उन्होंने कहा कि अगर बसपा गठबंधन में शामिल होगी तो सपा खुद को इससे अलग कर लेगी. अब माया ने इसी पर जवाब दिया है. बसपा सुप्रीमो ने आज कहा कि विपक्ष के गठबंधन में बीएसपी सहित अन्य जो भी विपक्षी पार्टियां शामिल नहीं हैं उनके बारे में किसी को भी बेफिजूल टीका-टिप्पणी करना उचित नहीं है. इससे इनको बचना चाहिए. यही मेरी सलाह है कि भविष्य में देश में जनहित में कब किसको किसकी जरूरत पड़ जाए, ये कहा नहीं जा सकता है. ऐसे लोगों और पार्टियों को फिर शर्मिंदगी उठानी पड़े, ये ठीक नहीं है. इस मामले में समाजवादी पार्टी जीता-जागता उदाहरण भी है. 


निलंबन और वायरल वीडियो पर बोलीं


मायावती ने कहा कि निलंबित सांसदों द्वारा राज्यसभा के सभापति का संसद परिसर में मजाक उड़ाने का वीडियो वायरल होना भी अनुचित और अशोभनीय है. संसद में घमासान पर उन्होंने साफ कहा कि सरकार और विपक्ष के बीच जबर्दस्त मतभेद, तनाव और टकराव वाली घटनाओं से देश के लोकतंत्र और संसदीय परंपराओं को शर्मसार होने से बचाना बहुत जरूरी है. 


मायावती ने कहा कि विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र में संसदीय परंपराओं को बचाने की जिम्मेदारी किसी एक की नहीं है बल्कि सभी की है. सांसदों का निलंबन ठीक नहीं है. संसद की सुरक्षा में जो सेंध लगाई गई है वह भी ठीक नहीं है. यह अति गंभीर मसला है. इस मामले में सभी को मिलकर संसद की सुरक्षा की ओर विशेष ध्यान देना चाहिए. एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाने से काम नहीं चलेगा बल्कि इस मामले को सभी को गंभीरता से लेना चाहिए. दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए.