बाग्शेवर धाम के धीरेंद्र शास्त्री लगातार खबरों में बने हुए हैं. इस बीच एक और बाबा सामने आए हैं जो खुद को धीरेंद्र शास्त्र का शिष्य बताते हैं और दिव्य दरबार भी लगाते हैं. ये बाबा हैं राघोगढ़ में रहने वाले मंशापूर्ण धाम के हनुमंत दास.


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हनुमंत दास का दावा कि उन्होंने बागेश्वर धाम के धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री से गुरु दीक्षा ली है, जिसके बाद उन्होंने मंशापूर्ण धाम के नाम से दिव्य दरबार लगाना शुरू कर दिया.


दरबार में मंच पर बैठे हनुमंत दास भी बागेश्वर धाम की तरह ही गले में हनुमानजी का लॉकेट पहनते हैं और उनके हाथ में गदा होती है. वे भी अपने पास पेन और पर्चे रखते हैं. लोग उनके पास अपनी समस्या और पीड़ा लेकर पहुंचते हैं.


धीरेंद्र शास्त्री स्टाइल में लगाते हैं दरबार
हनुमंत दास का दिव्य दरबार लगभग उसी अंदाज में होता है जिस तरह से धीरेंद्र शास्त्र अपना दरबार लगाते हैं. नाम लेकर किसी को बुलाना, फिर उसे मंच पर बिठा कर उसके परिजनों का नाम बताना, पर्ची लिखना सब कुछ धीरेंद्र शास्त्री स्टाइल में.


हनुमंत दास दरबार में मौजूद सभी लोगों से 5 मिनट तक राम नाम जाप करने को बोलते हैं. 5 मिनट बाद वे गदा को अपने सीने पर टच करते हैं और फिर माइक पर लोगों के नाम लेकर पुकारते हैं.


कौन हैं हनुमंत दास
इनका पूरा नाम नाम हनुमान दास सेनिल है. यह राघोगढ़ में रहते हैं जो कि गुना जिले में स्थित है. इनके परिवा में माता पिता दो भाई और एक बहन है. पिता प्राइवेट कंपनी में जॉब करते हैं. हनुमंत दास का कहा है कि उन्होंने BA किया है.


डेढ़ साल से लगा रहे हैं दिव्य दरबार
हनुमंत दास बताते हैं कि 19 साल की उम्र से उनमें आध्यात्मिक रूचि बढ़ने लगी. आगे चलकर धीरेंद्र शास्त्री से दीक्षा भी ली. उनका कहना है कि दीक्षा लेने के बाद उनके ऊपर भी हनुमान जी की कृपा हो गई. वह करीब डेढ़ साल से दिव्य दरबार लगा रहे हैं.


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