Lok Sabha Protem Speaker Bhartruhari Mahtab: देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु (President Droupadi Murmu) ने बीजेपी सांसद भर्तृहरि महताब (Bhartruhari Mahtab) को 18वीं लोकसभा (Lok Sabha) के लिए प्रोटेम स्पीकर (Protem Speaker) नियुक्त किया है. भर्तृहरि संसद में नए सांसदों को शपथ दिलाएंगे. इस फैसले की जानकारी जैसे ही संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजीजू ने साझा की फौरन ही कांग्रेस पार्टी इस फैसले पर भड़क उठी. क्या है इसकी वजह आईए बताते हैं. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

कांग्रेस कर रही मानदंडों की बात


कांग्रेस ने कहा कि उसके आठ बार के सांसद कोडिकुनिल सुरेश के बजाय भारतीय जनता पार्टी के सांसद भर्तृहरि महताब को लोकसभा का अस्थायी अध्यक्ष नियुक्त किया जाना संसदीय मानदंडों को नष्ट करने का एक और प्रयास है. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि सुरेश को अस्थाई अध्यक्ष नियुक्त किया जाना चाहिए था क्योंकि वह आठ बार के सांसद हैं, जबकि महताब सात बार के सांसद है.


कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने ‘X’ पर पोस्ट किया, ‘संसदीय मानदंडों को नष्ट करने के एक और प्रयास के तहत भर्तृहरि महताब (सात बार के सांसद) को कोडिकुनिल सुरेश जगह लेते हुए लोकसभा का अस्थायी अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. सुरेश बतौर सांसद अपने अपने 8वें कार्यकाल में प्रवेश करेंगे.


कांग्रेस महासचिव ने कहा, ‘परंपरा के अनुसार, जिस सांसद ने अधिकतम कार्यकाल पूरा किया है, उसे पहले दो दिनों के लिए प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया जाता है, जब सभी नवनिर्वाचित सांसदों को शपथ दिलाई जाती है.’


उन्होंने यह भी कहा, ’18वीं लोकसभा में सबसे वरिष्ठ सांसद कोडिकुनिल सुरेश (कांग्रेस) और वीरेंद्र कुमार (BJP) हैं, दोनों अब अपना 8वां कार्यकाल पूरा कर रहे हैं. कुमार अब केंद्रीय मंत्री हैं और इसलिए यह उम्मीद थी कि कोडिकुनिल सुरेश अस्थायी अध्यक्ष होंगे.’


Who is Protem Speaker Bhartruhari Mahtab: कौन हैं प्रोटेम स्पीकर भर्तहरी महताब?


8 सितंबर 1987 को जन्में भर्तृहरि महताब ओडिशा के कद्दावर नेता हैं. उनके पिता का नाम डॉक्टर एच महताब (Dr. Harekrushna Mahatab) है. भर्तहरि बीजू जनता दल के संस्थापक रहे हैं. कभी नवीन बाबू के खास हुआ करते थे. वह छह बार बीजू जनता दल से सांसद रहे और अब बीजेपी सांसद हैं.’ वो लोकसभा चुनाव से ठीक पहले बीजेडी छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे.


कटक लोकसभा क्षेत्र से 6 बार MP रहे महताब ने 22 मार्च 2024 को बीजेडी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने आरोप लगाया था कि उन्हें वहां स्वतंत्र रूप से काम करने का मौका नहीं मिल रहा था. महताब के इस्तीफा देने के कुछ ही दिन बाद बीजेडी ने लोकसभा चुनाव के लिए महताब का टिकट काट दिया था.


भर्तहरि की गिनती कटक ही नहीं ओडिशा के बड़े नेताओं में होती है. महताब ने कटक सीट पर अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी बीजेडी के संतरूप मिश्रा को 57,077 वोटों से हराया. वहीं ओडिशा में लोकसभा की कुल 21 सीटों में से 20 पर जीत हासिल कर बीजेपी ने बीजू जनता दल का लोकसभा चुनाव में सूपड़ा साफ कर दिया.


इसी के साथ ओडिशा में पहली बार बीजेपी की सरकार बनी. माना जा रहा है कि इसका इनाम उन्हें मिला है.