कांग्रेस के लिए इतने जरूरी क्यों हैं अभिषेक मनु सिंघवी? पिछली हार के बाद कांग्रेस ने फिर राज्यसभा के लिए लगाया दांव
Abhishek Manu Singhvi: राज्यसभा की 12 सीट के लिए उपचुनाव हो रहे हैं. इनमें एक सीट तेलंगाना की है. इसी सीट के लिए कांग्रेस ने अभिषेक मनु सिंघवी पर दांव लगा दिया है. यह तब हुआ जब वे अभिषेक पिछली बार राज्यसभा चुनाव हार गए थे.
Congress Rajya Sabha Bypolls: अभिषेक मनु सिंघवी.. वो नाम जो लंबे समय से कांग्रेस और उसकी साथी पार्टियों के नेताओं के लिए संसद के अंदर और संसद के बाहर सारथी नाम बना रहा. संसद के बाहर हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक अभिषेक मनु सिंघवी अपने धारदार तर्कों से कई नेताओं की ढाल बने रहे. पिछले दिनों तो आम आदमी पार्टी के सभी बड़े नेताओं के वकील वे ही रहे. इसी कड़ी में अब कांग्रेस ने अपने पुराने नेता को तेलंगाना में आगामी राज्यसभा उपचुनाव के लिए अपना उम्मीदवार घोषित किया है. यह तब हुआ जब वे अभिषेक पिछली बार राज्यसभा चुनाव हार गए थे.
सिंघवी पर लगाया कांग्रेस ने दांव
असल में तेलंगाना समेत नौ राज्यों की 12 राज्यसभा सीट के लिए चुनाव तीन सितंबर को होंगे. कांग्रेस ने एक बयान में कहा कि पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने तेलंगाना से राज्यसभा उपचुनाव के लिए सिंघवी को उम्मीदवार बनाने की मंजूरी दे दी है. घोषणा के बाद सिंघवी ने कांग्रेस नेतृत्व का आभार भी किया. उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष खरगे, पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी जी और राहुल गांधी जी, प्रियंका गांधी जी और समस्त वरिष्ठ नेतृत्व को मुझ पर व्यक्त किए गए विश्वास के लिए मैं तहे दिल से आभार व्यक्त करता हूं.
पिछली बार सिंघवी के साथ हुआ था खेला
अब राज्यसभा की 12 सीट के लिए उपचुनाव हो रहे हैं. इनमें एक सीट तेलंगाना की है, जहां के. केशव राव ने हाल में भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) छोड़कर कांग्रेस में शामिल होने के बाद सदन से इस्तीफा दे दिया था. इस साल की शुरुआत में सिंघवी कांग्रेस शासित हिमाचल प्रदेश से राज्यसभा चुनाव हार गए थे. 27 फरवरी को हुए राज्यसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार हर्ष महाजन जीत गए थे.
विजेता की घोषणा लॉटरी द्वारा
हिमाचल प्रदेश की 68 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के 40 सदस्य थे और उसे तीन निर्दलीयों का समर्थन प्राप्त था, लेकिन राज्यसभा चुनाव में दोनों उम्मीदवारों को 34-34 वोट मिले, क्योंकि नौ विधायकों ने भाजपा उम्मीदवार महाजन के पक्ष में मतदान किया. इन नौ विधायकों में छह कांग्रेस के बागी और तीन निर्दलीय विधायक थे. विजेता की घोषणा लॉटरी द्वारा की गई तथा निर्वाचन अधिकारी द्वारा अपनाई गई प्रक्रिया के तहत लॉटरी में जिस व्यक्ति का नाम निकला उसे हारा हुआ घोषित कर दिया गया. इस बार सिंघवी के उपचुनाव जीतने की पूरी संभावना है.
इतने जरूरी क्यों हैं अभिषेक मनु सिंघवी?
असल में अभिषेक मनु सिंघवी कांग्रेस के पुराने नेताओं में से एक हैं. वे सुप्रीम कोर्ट के सीनियर वकील भी हैं. और लंबे समय से कांग्रेस के लीगल मामले देखते रहे हैं. इतना ही नहीं कांग्रेस और उसकी साथी पार्टियों के नेताओं के लिए भी वे संसद के अंदर और संसद के बाहर जोर लगाते रहे हैं. हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक अभिषेक मनु सिंघवी अपने धारदार तर्कों से विपक्ष के कई नेताओं की ढाल बने रहे. पिछले दिनों तो आम आदमी पार्टी के सभी बड़े नेताओं के वकील वे ही रहे और जमानत भी दिलवाई.