महंगा कप्तान, शानदार कोच के बाद भी क्यों हुई भारत की हार? 3 प्वाइंट्स से समझिए
भारत की टीम संसाधनों से भरी हुई एक संपन्न टीम है, जिसके पास एक महंगा कप्तान, एक शानदार कोच और महान उपलब्धियों वाला मेंटर है. BCCI खुद दुनिया का सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड है, जबकि पाकिस्तान के साथ ऐसा नहीं है. PCB इन दिनों कंगाल होने की कगार पर है.
नई दिल्ली: पाकिस्तान संडे को हुए टी-20 वर्ल्डकप मैच का विजेता बना. पाकिस्तान ने वो जीत हासिल की जिसका इंतजार उसे 29 वर्षों से था. यानी वर्ल्डकप के किसी मैच में भारत को हराने का इंतजार. पाकिस्तान की इस जीत का विश्लेषण तीन प्वाइंट्स में किया जा सकता है. लेकिन इस विश्लेषण से पहले हम भारत के लोगों को एक डिस्क्लेमर देना चाहते हैं और वो ये कि आपमें से बहुत सारे लोगों को पाकिस्तान की तारीफ बुरी लग सकती है. लेकिन खेल में जब तक जीतने वाले खिलाड़ी के जज्बे को करीब से न समझा जाए तब तक आप खेल को भी करीब से नहीं समझ सकते.
बदले की भूख
पहला प्वाइंट ये है कि पाकिस्तान के खिलाड़ियों में जीत की भूख थी और बदला लेने की एक बेचैनी थी. देखा जाए तो पाकिस्तान की टीम के पास खोने के लिए कुछ नहीं था. वो वर्ल्डकप में भारत से एक बार और हार भी जाती तो लोग कहते कि इतिहास कायम रहा. लेकिन पाकिस्तान की टीम इतिहास बदलने के इरादे से खेल रही थी, भारत की टीम में करोड़पति खिलाड़ी थे, जो रिकॉर्ड तोड़ने के लिए खेलते हैं लेकिन पाकिस्तान की टीम में ज्यादातर मिडल क्लास खिलाड़ी थे जो अपना अस्तित्व बचाए रखने के लिए खेल रहे थे. हमारे लिए ये सिर्फ एक मैच था, लेकिन पाकिस्तान के खिलाड़ियों के लिए ये मैच किसी जंग से कम नहीं था. क्योंकि कल का मैच अगर पाकिस्तान हार जाता तो उसकी टीम के कई खिलाड़ियों का करियर तबाह हो सकता था. इसलिए पाकिस्तान के खिलाड़ी किसी भी कीमत पर जीतना चाहते थे.
हमारे संसाधन Vs उनका संघर्ष
दूसरा प्वाइंट ये है कि भारत की टीम संसाधनों से भरी हुई एक संपन्न टीम है, जिसके पास एक महंगा कप्तान, एक शानदार कोच और महान उपलब्धियों वाला मेंटर है. भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) खुद दुनिया का सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड है, जबकि पाकिस्तान के साथ ऐसा नहीं है. पाकिस्तान का क्रिकेट बोर्ड इन दिनों कंगाल होने की कगार पर है, और वो अपना अस्तित्व बचाने के लिए BCCI और ICC पर निर्भर है. BCCI की सालाना कमाई 3 हजार 700 करोड़ रुपये है जबकि एक साल में पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) 811 करोड़ रुपये कमाता है.
भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली की कुल संपत्ति एक हजार करोड़ रुपये है जबकि पाकिस्तान के कप्तान बाबर आजम की कुल संपत्ति 29 करोड़ रुपये हैं. विराट कोहली का एक साल का कॉन्ट्रैक्ट 7 करोड़ रुपये का है और ये पाकिस्तानी टीम के सभी खिलाड़ियों के साल भर के कॉन्ट्रैक्ट के बराबर है. विराट कोहली जब IPL में खेलते हैं तो उनके हर रन की कीमत 5 लाख रुपये होती है, जबकि पाकिस्तान में टेस्ट मैच खेलने वाले खिलाड़ियों को मैच फीस के तौर पर साढ़े तीन लाख रुपये मिलते हैं.
'जो जीता वो ही सिकंदर'
वर्ष 1992 में एक फिल्म आई थी जिसका नाम था, जो जीता वो ही सिकंदर. इसमें शहर के सबसे महंगे कॉलेज में पढ़ने वाले अमीर छात्रों और शहर के एक सरकारी कॉलेज में पढ़ने गरीब छात्रों के बीच एक साइकिल रेस होती है. अमीर छात्रों के पास सारे संसाधन होते हैं, महंगी और आधुनिक साइकिलें होती हैं, जबकि सरकारी कॉलेज के छात्रों के पास इनमें से कुछ भी नहीं होता. फिर भी वो अंत में अपने जज्बे के दम पर ये रेस जीत जाते हैं. संडे को पाकिस्तान के खिलाड़ी भी कम संसाधनों के बावजूद भारत से ये रेस जीत गए.
'अंग्रेजों की तरह खेली टीम इंडिया'
इसी तरह वर्ष 2001 में भी एक मशहूर फिल्म आई थी जिसका नाम था, लगान. इस फिल्म में गांव में रहने वाले गरीब भारतीयों की टीम अंग्रेजों के खिलाफ एक मैच खेलती है. भारतीयों को ये मैच हर हाल में जीतना होता है, क्योंकि अगर वो ऐसा नहीं करते तो अंग्रेज उनसे तीन गुना लगान वसूलते. कल के मैच में पाकिस्तान की टीम लगान के गरीब गांव वालों की टीम की तरह खेली, जिन्हें भारत के हाथों हार बहुत महंगी पड़ती जबकि भारत की टीम अंग्रेजों की तरह खेली जो अति आत्म विश्वास का शिकार भी थी और शायद 29 वर्षों तक लगातार पाकिस्तान को हराने की वजह से अहंकार से भी ग्रस्त थी.
देश और धर्म
तीसरा प्वाइंट ये है कि संडे को हुए मैच में पाकिस्तान के खिलाड़ियों ने अपने देश और धर्म को सबसे आगे रखा. पाकिस्तान के खिलाड़ी ऐसा हमेशा ही करते हैं, चाहे मुद्दा उनके देश का हो, कश्मीर का हो या इस्लाम का, वो खुलकर अपनी बात रखते हैं. संडे को जब मैच के दौरान ड्रिंक ब्रेक हुआ तो पाकिस्तान के बल्लेबाज मोहम्मद रिजवान मैदान पर ही नमाज पढ़ने लगे. मैच के बाद जब पाकिस्तानी खिलाड़ियों से प्रेस कॉन्फ्रेंस में सवाल पूछे गए तो सबने अपनी बात अल्लाह का नाम लेकर शुरू की. पाकिस्तान का हर खिलाड़ी सबसे पहले आपको बताता है कि वो एक मुसलमान है. फिर वो बताता है कि वो एक पाकिस्तानी है और अगर जरूरत पड़ती है तो वो कश्मीर के मुद्दे पर भी खुलकर बोलता है. लेकिन भारत के खिलाड़ियों को आपने ऐसा करते हुए शायद ही कभी देखा होगा और कश्मीर या अपने देश के मुद्दे पर खुलकर अपना पक्ष रखने की तो उम्मीद करना भी बेइमानी है.
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