Leopard urine used by Indian Army in Operation: आप सब देश की सेना से जुड़ी खबरें खूब देखते, पढ़ते, सुनते होंगे. आए दिन जम्मू-कश्मीर और भारत के बॉर्डर पर कोई न कोई भारतीय सेना के चल रहे ऑपरेशन की खबर आती रहती है. जहां भारतीय सेना अपने दुश्मनों का मुकाबला करके देश की रक्षा कर रही होती है. भारतीय सेना के जवानों का देश प्रेम किस हद तक होता है, यह हर भारतीय जानता है. देश की एकता और अखंडता के लिए जीवन न्यौछावर करने वाले वीर जवानों के सम्मान में पूरा देश 15 जनवरी को सेना दिवस भी मनाता है. सेना दिवस पर भी बहुत सारे वीर सपूतों के बारे में देश को कई सारी नई जानकारी मिलती है. पिछले कुछ सालों से सोशल मीडिया के जमाने में सेना से जुड़े खूब सारे वीडियो, फोटो, जानकारी वायरल होती रहती हैं, ऐसे ही एक जानकारी सोशल मीडिया पर आई कि इंडियन आर्मी के कमांडोज ऑपरेशन के दौरान अपने पास तेंदुए का मल मूत्र रखते हैं.


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भारतीय सेना अपने ऑपरेशन के दौरान तेंदुए का रखती है पेशाब?
देश को रक्षा के लिए भारतीय सेना अक्सर आंतरिक और बाह्य ऑपरेशन चलाते है. बात चाहे 2016 में पाकिस्तान में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक करने की हो या फिर जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के खात्मे के लिए ऑपरेशन ऑल आउट. सेना समय-समय पर ऑपरेशन को अंजाम देते रहती है. पाकिस्तान में घुसकर किए गए सर्जिकल स्ट्राइक तो हर भारतीय को याद भी होगा. अब बात आती है कि क्या सच में भारतीय सेना अपने ऑपरेशन के दौरान तेंदुए का मल-मूत्र रखती है. क्या है यह सच है? आइए जानते हैं पूरा मामला.


भारतीय सेना, तेंदुए का मल-मूत्र
इसके बारे में गूगल पर खोजने पर कोई आधिकारिक बयान या कोई पुष्टि तो नहीं है, लेकिन सर्जिकल स्ट्राइक से जुड़ा एक किस्सा जरूर है. इंडिया टुडे में छपी 28 सितंबर 2018 की एक रिपोर्ट में बताया गया कि सर्जिकल स्ट्राइक 28-29 सितंबर, 2016 की रात को लगभग 12:30 बजे शुरू हुई और लगभग 4 घंटे तक चली. लेकिन सेना के लिए इस तरह के हमले की योजना बनाना आसान नहीं था. इस ऑपरेशन में जानवरों के तेंदुए के मूत्र का इस्तेमाल किया गया था.



सर्जिकल स्ट्राइक के लिए तेंदुए के मल और पेशाब का इस्‍तेमाल
12 सितंबर 2018 में न्यूज एजेंसी में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, पूर्व नगरोटा कोर कमांडर, लेफ्टिनेंट जनरल राजेंद्र रामराव निंभोरकर, जिन्होंने सितंबर 2016 में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में सर्जिकल स्ट्राइक में भाग लिया था, उन्होंने बताया था कि भारतीय सेना ने इस ऑपरेशन के दौरान तेंदुए का मल-मूत्र साथ रखा था. उन्होंने खुलासा किया कि सैनिकों ने कुत्तों को उनसे दूर रखने के लिए ऐसा किया था. एक कार्यक्रम में उन्होंने बताया था कि जिस इलाके से होकर यह कमांडो पाकिस्‍तान के अंदर जाने वाले थे वह इलाका घने जंगल के अलावा आबादी वाला भी था.


सर्जिकल स्ट्राइक में भारतीय सेना ने तेंदुए के पेशाब का किया उपयोग
कॉर्प कमांडर को डर था कि यहां पर मौजूद कुत्‍ते इस सर्जिकल स्‍ट्राइक को नाकाम कर सकते हैं. इसकी वजह ये भी थी कि कुत्‍तों के भौंकने की वजह से कमांडो की जानकारी वहां के स्‍थानीय लोगों को हो सकती थी. ऐसे में यदि कुत्‍ते कमांडोज को काट भी सकते थे. इतना ही नहीं कमांडो बिना मकसद कुत्‍तो को न तो मार सकते थे न ही कुछ और सकते थे. लिहाजा इन कुत्‍तों को कमांडो से दूर रखना था. इनको दूर रखने में सबसे बड़ा सहायक था तेंदुए का पेशाब और मल.इसके पीछे एक बड़ी वजह ये थी कि तेंदुए के मल और पेशाब की गंध कुत्‍तों को तुरंत समझ आ जाती थी और इलाके से भाग कर छिप जाते थे, कमांडोज ने इसका इस्‍तेमाल पाकिस्‍तान की सीमा के अंदर किया.


जिस रास्‍ते को कमांडोज ने चुना वहां पर वह इसकी कुछ बूंदे और मल गिराते चले गए. उन्‍होंने बताया कि यह एक सीक्रेट मिशन था, लिहाजा इसको अंजाम देने तक इससे जुड़ी कोई भी जानकारी का बाहर आना पाकिस्‍तान की सीमा में जाने वाले कमांडोज के लिए जानलेवा साबित हो सकता था. इस तरह भारत ने सफलता पूर्वक अपना मिशन पूरा कर लिया था. कई मीडिया में दावा किया जाता है कि ‘भारतीय सेना’ अपने हर सीक्रेट ऑपरेशन के दौरान ‘तेंदुए के मल मूत्र’ का इस्तेमाल करती है.