Gujarat Bridge Collapse: पीएम मोदी के मोरबी दौरे से पहले ढका गया Oreva कंपनी का बोर्ड, देखिये अधिकारियों की कारस्तानी
Gujarat Bridge Collapse Update: ओरेवा ग्रुप (अजंता मैन्युफैक्चरिंग प्राइवेट लिमिटेड) ने मोरबी पुल के संचालन और रखरखाव के लिए 15 साल के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए थे.
Gujarat Bridge Collapse PM Modi Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज मंगलवार को गुजरात में मोरबी की उस जगह पहुंचे जहां पुल हादसे में 135 लोगों को जान गंवानी पड़ी थी. पीएम ने हेलिकॉप्टर से मोरबी में घटनास्थल का निरीक्षण किया. इसके बाद उन्होंने हेलिकॉप्टर से उतरकर उस जगह का जायजा लिया जहां ये भयावह हादसा हुआ था. पीएम मोदी के मौके पर पहुंचने से कुछ देर पहले वहां स्थानीय प्रशासन ने दुर्घटना स्थल पर ओरेवा के बोर्ड को सफेद चादर से ढक दिया. आइये आपको दिखाते हैं प्रशासन की इस कारस्तानी की तस्वीर.
ओरेवा ग्रुप के पास थी ब्रिज के रखरखाव की जिम्मेदारी
ओरेवा ग्रुप (अजंता मैन्युफैक्चरिंग प्राइवेट लिमिटेड) ने मोरबी पुल के संचालन और रखरखाव के लिए 15 साल के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए थे. यह पुल लंबे समय के बाद लोगों के लिए खोला गया था. जिसके खुलते ही 30 अक्टूबर को यह ढह गया और हादसे में 135 लोग मारे गए. इसके बाद से ओरेवा कंपनी के बारे में चर्चा जोरों पर है. हादसे का जिम्मेदार ओरेवा ग्रुप को ही ठहराया जा रहा है.
पीएम मोदी ने लिया घटनास्थल का जायजा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार 1 नवंबर को स्थिति का जायजा लेने और जांच प्रक्रिया का मूल्यांकन करने मोरबी पहुंचे. शाम को पीएम मोदी को पुल के एक छोर पर वर्टिकल सस्पेंडर पर लगे कवर-अप ओरेवा बोर्ड के ठीक नीचे खड़ा देखा गया. इस बीच यह भी सामने आया है कि अहमदाबाद में ओरेवा की एक संपत्ति, ओरेवा फार्म, मंगलवार को बंद था.
जानें ओरेवा ग्रुप की A,B,C,D..
बता दें कि मोरबी पुल जिसे 'झूलता पुल' भी कहा जाता है.. एक सदी से भी पहले मच्छू नदी पर बनाया गया था. 30 अक्टूबर की शाम यह ढह गया, जिसमें कम से कम 135 लोग मारे गए. ब्रिटिश काल के दौरान निर्मित केबल सस्पेंशन ब्रिज को घटना के चार दिन पहले गुजराती नव वर्ष पर जनता के लिए फिर से खोल दिया गया था. यह हेरिटेज स्थल पिछले छह महीनों से नवीनीकरण के अधीन है, जिसका 15 साल का रखरखाव अनुबंध मोरबी नगर पालिका द्वारा ओरेवा ग्रुप (अजंता मैन्युफैक्चरिंग प्राइवेट लिमिटेड) को सौंपा गया था. ओरेवा ने कथित तौर पर इसके पुनर्निर्माण की जिम्मेदारी एक तीसरे पक्ष देवप्रकाश सॉल्यूशन पर डाल दी. अजंता-ओरेवा समूह का नेतृत्व मुख्य रूप से अजंता मैन्युफैक्चरिंग प्राइवेट लिमिटेड (एएमपीएल) के प्रबंध निदेशक जयसुखभाई भालोदिया और अजंता एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड (एईपीएल) के निदेशक और ऐसे चार अन्य संगठनों द्वारा किया जाता है.
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