Rules for Pilot:  स्पाइस जेट ने हाल ही में दो पायलट्स को उड़ान पर जाने से रोक दिया है.  दोनों फ्लाइट के दौरान होली सेलिब्रेट करने लिए कॉकपिट में ही गुझिया खा रहे थे. यह मामला सामने आने के बाद नागरिक विमानन महानिदेशालय ने दोनों पायलट्स की पहचान कर उन्हें ऑफ रोस्‍टर कर दिया. दरअसल विमान के कॉकपिट में खाने-पीने की चीजें ले जाने के सख्‍य कायदे कानून होते जिनका पालन क्रू मेंबर्स को करना होता है. 


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कॉकपिट में भोजन पर पाबंदी?
विमान में कॉकपिट वो केबिन या जगह होती है, जहां पायलट और को-पायलट विमान उड़ाने का काम करते हैं. यह केबिन पायलट और को-पायलट के लिए एक ऑफिस का काम करता है.


कई प्रमुख एयरलाइंस ने कॉकपिट कर्मचारियों के खाना खाने पर प्रतिबंध लगा दिया है. फ्लाइट और उसमें सवार यात्रियों की भलाई के लिए ही यह सख्त कदम उठाया गया है. कुछ फ्लाइट में प्लेन उड़ाते वक्त पायलट को कॉफी पीने की भी मनाही होती है जबकि कुछ एयरलाइंस में इसकी छूट होती है.


पायलट और फर्स्‍ट ऑफिसर के खाने को लेकर नियम काफी सख्‍त होते हैं जबकि बाकी लोग अपना मनपसंद भोजन कर सकते हैं. चालक दल आमतौर पर केवल अंतरराष्‍ट्रीय उड़ानों के दौरान ही भोजन करते हैं.


पायलट्स और को पायलट को अलग-अलग खाना
पायलट्स और उनके फर्स्‍ट ऑफिसर को कभी एक जैसा फूड नहीं दिया जाता है. दरअसल, दोनों पायलटों को एक जैसा खाना न देने के पीछे सबसे बड़ी वजह यह है कि अगर दोनों पायलटों को एक जैसा खाना दिया गया और खाने में किसी भी तरह की कोई गड़बड़ी हुई दोनों ही पायलटों की तबीयत खराब हो जाएगी.


ऐसी स्थिति में दोनों ही पायलटों को इलाज की जरूरत पड़ेगी और उस समय सबसे बड़ा सवाल यह होगा कि उस स्थिति में विमान कौन उड़ाएगा. दोनो पायलट की तबियत एक साथ खराब होने पर यात्रियों की सुरक्षा को सबसे ज्यादा खतरा हो सकता है. ऐसी समस्या पैदा ना हो, इसलिए एयरलाइंस कंपनियां हुई दोनों पायलट को अलग-अलग खाना परोसती है.


 


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