Delhi Odd-Even: दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण के स्तर में बढ़ोतरी के बीच सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान को फसल अव (पराली) जलाने पर ‘तत्काल रोक’ सुनिश्चित करने का निर्देश दिया. जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस सुधांशु धूलिया की पीठ ने कहा कि दिल्ली साल-दर-साल इस स्थिति से नहीं जूझ सकती.


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सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार के प्रदूषण नियंत्रण उपायों, खासकर उसकी प्रमुख ऑड-ईवन प्लान पर सवाल खड़े किए. एक तीखी टिप्पणी में,  पीठ ने कहा, 'दिल्ली में ऑड-ईवन लागू किया गया है, लेकिन क्या यह कभी सफल हुआ है? यह सब दिखावा है.' 


बता दें  दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने सोमवार को घोषणा की कि वायु प्रदूषण पर लगाम लगाने की कवायद के तौर पर शहर में 13 से 20 नवंबर तक ऑड-ईवन योजना लागू की जाएगी. साल 2016 में पहली बार लागू की गई इस योजना के तहत ऑड या ईवन रजिस्ट्रेशन नंबर वाली कारों को वैकल्पिक दिनों (एक दिन छोड़कर एक दिन) पर चलाने की अनुमति दी जाती है. 


अदालत की टिप्पणी पर क्या बोले दिल्ली के मंत्री
सुप्रीम कोर्ट की इस टिप्पणी के बाद राय ने कहा, 'हमने तय किया है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अध्ययन करने के बाद हम विस्तृत योजना बनाएंगे और फिर आप सभी को जानकारी देंगे. हम विस्तृत योजना में सुप्रीम कोर्ट के आदेश को भी शामिल करेंगे.' उन्होंने कहा, 'सरकार ने ऑड-ईवन को 13 नवंबर को लागू करने का फैसला लिया है लेकिन अब हम सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अध्ययन करने के बाद विस्तृत जानकारी देंगे.'


सुनवाई के दौरान और क्या कहा सुप्रीम कोर्ट ने?
सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार से कहा कि हम चाहते हैं पराली जलाना तुंरत रोका जाए. हम नहीं जानते कि आप इसे कैसे करते हैं लेकिन ये रुकना चाहिए, अभी ऐसा लगता है कि आपकी ओर से इसे रोकने की कोई गंभीर कोशिश नहीं की जा रही. अदालत ने दिल्ली सरकार को यह सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया कि नगर निगम का ठोस कचरा खुले में न जलाया जाए. 


सुप्रीम कोर्ट राज्यों को दिया ये निर्देश
अदालत ने दिल्ली, उत्तर प्रदेश और राजस्थान सरकारों कोभी पराली जलाने पर तुरंत रोक लगाने का भी निर्देश दिया  और स्थानीय SHO को डीजीपी और मुख्य सचिव की निगरानी में पराली जलाने पर अदालत के निर्देश को लागू करने के लिए जिम्मेदार बनाने को कहा.