नई दिल्‍ली: संसद का शीतकालीन सत्र ( Parliament Winter Sesseion 2019) सोमवार (18 नवंबर) से शुरू हो रहा है. शीतकालीन सत्र 18 नवंबर से शुरू होकर 13 दिसंबर तक चलेगा. इस बार के शीतकालीन सत्र को काफी अहम माना जा रहा है. केंद्र सरकार गैर-मुस्लिम शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता देने के उद्देश्य से नागरिकता संशोधन विधेयक समेत 27 अहम बिल पेश करेगी. पिछले कार्यकाल में भी नागरिकता विधेयक को संसद में पेश किया था, लेकिन विपक्षी दलों ने इसका जोरदार विरोध किया था.


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संसद के शीतकालीन सत्र में केंद्र सरकार की इस बार 27 नए बिल सरकार की योजना है. सरकार की कोशिश है इस बार संसद के दोनों सदनों में इन बलों पर चर्चा हो और उसके बाद इन्हें जल्द से पास कराया जा सके है. आज आने वाले सत्र को लेकर संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने सर्वदलीय बैठक बुलाई है. सूत्रों की मानें तो केंद्र सरकार की कोशिश रहेगी की इस बार सिटीजन अमेंडमेंट बिला और प्राइवेट डाटा प्रोटेक्शन बिल जैसे अहम बिलों को जल्द से जल्द पास कराया जाए. इस बार शीतकालीन सत्र में सरकरा की कोशिश रहेगी की इन अहम बिलों को पास कराया जाए.


- चिटफंड (संशोधन) विधेयक 2019


- टैक्सेशन ला अमेंडमेंट बिल 2019(रिप्लेस आर्डीनेंस)


- इलेक्ट्रानिक सिगरेट पर पाबंदी संबधी बिल(रिप्लेस आर्डीनेंस)


- इंसाल्वेंस एंड बैंकरप्सी(सेकेंड अमेंडमेंट बिल 2019)


- मेडिकल टर्मिनेशन आफ प्रेगनेंसी अमेंडमेंट बिल


- नेशनल पुलिस युनिवर्सिटी बिल


- सिटिजनशिप अमेंडमेंट बिल


- नेशनल रिवर गंगा बिल


- पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल


- सिटीजनशिप अमेंडमेंट बिल 2019


पहेल दिन ये होगा खास
सरकार संसद के शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन सोमवार को चिटफंड (संशोधन) विधेयक 2019 को पारित करवाने की कोशिश करेगी. इस विधेयक का मकसद चिटफंड सेक्टर के सुचारु विकास को सुगम बनाते हुए उद्योग जिन बाधाओं से जूझ रहा है उसे दूर करना है. इस विधेयक से चिटफंड योजनाओं में पारदर्शिता सुनिश्चित होगी और इसके ग्राहकों को सुरक्षा मिलेगी. आपको बता दें कि चिटफंड (संशोधन) विधेयक 2019 उन 12 लंबित विधेयकों में शामिल है जिन्हें संसद में चर्चा कर पारित करवाने के लिए सूचीबद्ध किया गया है. वर्तमान में संसद में 43 विधेयक लंबित हैं. इनमें से 27 विधेयक पेश करने, विचार करने और पारित करने के लिए सूचीबद्ध किए गए हैं जबकि सात विधेयक वापस लिए जाने हैं.


आज केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण चिटफंड अधिनियम 1982 में संशोधन के लिए विधेयक लाएंगी जिस पर विचार करने के बाद उसे पारित करवाने की कोशिश की जाएगी. संसद के मानसूत्र सत्र में ही लोकसभा में पांच अगस्त को यह विधेयक पेश किया गया था. आपको बता दें कि संसद में इस विधेयक को पेश करने की मंजूरी केंद्रीय मंत्रिमंडल ने जुलाई में ही दी थी. 


विधेयक की खास बात
विधेयक में व्यक्ति के लिए निर्धारित कुल चिट राशि की सीमा एक लाख रुपए से बढ़ाकर तीन लाख रुपए और कंपनी के लिए छह लाख रुपए से बढ़ाकर 18 लाख रुपए किया गया है. इसमें 2001 के बाद संशोधन नहीं किया गया है.


विधेयक में खास बात यह है कि इसमें दो ग्राहकों की उपस्थिति या तो व्यक्तिगत रूप से या फोरमैन द्वारा विधिवत रिकॉर्डेड वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से अनिवार्य किया गया है जैसा कि अधिनियम की धारा 16 की उपधारा (2) के तहत आवश्यक है.