महाराष्ट्र की सियासत में बीते दिन काफी उथल-पुथल भरे रहे. एनसीपी नेता अजित पवार के एनडीए का दामन थामना शरद पवार के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है. अब एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने महाराष्ट्र विकास अघाड़ी में शामिल पार्टियों कांग्रेस और शिवसेना (यूबीटी) के आगे बदलाव का मास्टरप्लान रखा है.


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शरद पवार ने रविवार को कहा कि महाराष्ट्र विकास आघाड़ी (एमवीए) में शामिल उनकी पार्टी, कांग्रेस और शिवसेना (यूबीटी) अगर ठान लें तो महाराष्ट्र में बदलाव लाया जा सकता है. 


'मौजूदा सरकार से संपर्क करना मुश्किल'


उन्होंने कहा कि राज्य की मौजूदा सरकार से संपर्क करना बहुत ही मुश्किल है. एक किताब के विमोचन कार्यक्रम में पहुंचे पवार ने शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे और वरिष्ठ कांग्रेस नेता बालासाहेब थोराट के साथ मंच साझा किया. पवार ने बताया कि कैसे पिछली सरकारों ने प्राचीन कला और संस्कृति, साहित्य और इतिहास को संरक्षित करने में मदद की. 


उन्होंने कहा,'लेकिन अब हमारे लिए मौजूदा सरकार के साथ काम करना मुश्किल है, लेकिन कोई समाधान निकलना चाहिए. अगर हम तीनों (एमवीए के घटक) फैसला कर लें तो बदलाव हो सकता है.' इस महीने की दो जुलाई को अजित पवार के बगावत करने और इसकी वजह से NCP में टूट होने के बाद एमवीए के तीनों नेताओं ने पहली बार मंच साझा किया. 


अजित पवार गुट ने की है बगावत


कार्यक्रम के दौरान पवार ने कहा कि यशवंतराव चव्हाण प्रतिष्ठान जिसके वह प्रमुख हैं 50 लाख रुपये राजावाड़े इतिहास संशोधक मंडल को देंगे. यह समूह किताबों का प्रकाशन करेगा. दो जुलाई को अजित पवार एनसीपी के आठ विधायकों के साथ एकनाथ शिंदे सरकार में शामिल हो गए थे. शिंदे सरकार का दामन थामने के बाद कई बार अजित पवार गुट ने शरद पवार से मुलाकात की है.


इससे पहले एनसीपी ने कहा था कि उसने अजित पवार गुट की तरफ से पार्टी के नाम और चिह्न को लेकर किए गए दावे पर निर्वाचन आयोग ने उनकी प्रतिक्रिया को लेकर एक पत्र भेजा है, जिसका वे जवाब भेजेंगे. हालांकि अजित पवार गुट के नेता प्रफुल्ल पटेल ने इस मामले पर टिप्पणी करने से इंकार कर दिया था.