नई दिल्लीः देश में विकास की कितनी ही गाथा क्यों ना लिखी जा रही हो लेकिन आज भी भारत के किसी ना किसी हिस्से गरीबी की ऐसी सच्चाई सामने आती है जिससे आंखे नहीं फेरी जा सकती है. उत्तर प्रदेश के बरेली जिले से एक मार्मिक खबर का पता चला है. यहां एक मां को गरीबी के दंश के चलते अपने कलेजे के टुकड़े को बेचना पड़ा. मामला बरेली के मीरगंज इलाके का है, जहां मां को अपने बीमार पति के इलाज के लिए अपने बेटे को 15 दिन के बेटे को बेचना पड़ा. अब यह मां अपने बच्चे से मिलने के लिए तड़प रही है लेकिन इसके पास इतने पैसे नहीं जिसे देकर यह अपना बच्चा वापस ला सके.


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बरेली के मीरगंज में रहने वाली इस महिला का नाम संजू बताया जा रहा है,  घर में उसका पति हर स्वरूप ही कमाने वाला शख्स था, वह मजदूरी करके घरवालों के लिए दो जून की रोटी का जुगाड़ करके लाता. लेकिन पिछले दिनों काम के दौरान एक मकान की दीवार गिरने से हर स्वरूप घायल हो गया. इस दौरान उसकी रीढ़ की हड्डी टूट गई . शुरू में उसने कर्ज लेकर अपना इलाज कराया और उसे मकान तक गिरवी रखना पड़ा. कर्जदारों ने जब तंग करना शुरू किया और फांके की नौबत आ पड़ी. आखिरकार संजू ने बेबसी में अपने 15 दिन के बच्चे को 45 हजार रुपये में बेच डाला. इस महिला के पहले एक पांच साल का और एक दो साल का बेटा है. 


 



 पता चला कि संजू ने अपना बच्चा बरेली जिले की बहेड़ी तहसील में किसी को बेचा है. लेकिन वह खरीदार का जिक्र नहीं कर रही है. नवजात को बेचने की खबर लगते ही प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे पीड़ित परिवार को हरसंभव मदद का भरोसा दिया है.