उज्जैन : मध्‍य प्रदेश की कांग्रेस नेत्री नूरी खान एक वीडियो सोशल मीडिया पर जारी करने के बाद काजी के निशाने पर आ गई हैं. इसमें वह ऊं नम: शिवाय का जप करते हुए दिखाई दे रही हैं. इस वीडियो को उन्‍होंने 'तो आज कर दो फतवा जारी' शीर्षक के साथ सोशल मीडिया पर भी पोस्‍ट किया था. इस विवाद के बाद नूरी ने कहा कि देश की एकता के लिए जो जरूरी होगा, मैं वो करूंगी.


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दरअसल मामला दो दिन पुरान है. मंगलवार को अखिल भारतीय कांग्रेस सदस्य नूरी खान ने भगवा वस्त्र धारण कर हिंदू धर्माचार्यों के साथ एक रथ यात्रा में हिस्‍सा लिया था. रथ यात्रा में उन्‍होंने 'ऊं नम: शिवाय' का जप करने के साथ ही सुख-समृद्धि की प्रार्थना भी की. वीडियो में साफ दिखाई दे रहा है कि इस दौरान वह हाथ में माइक लेकर ऊं नम: शिवाय का जप कर रही हैं, उनके पीछे हिंदू धर्माचार्यों के अलावा भगवान भोलेनाथ के भेष में एक कलाकार चल रहा है.


यात्रा के बाद उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट और वीडिया भी जारी किया, जिसे लेकर बवाल खड़ा हो गया है. शहर काजी ने इसे नूरी खान का पॉलीटिकल स्टंट बताया है. मीडिया रिपोटर्स के अनुसार नूरी खान ने 'तो आज कर दो फतवा जारी' शीर्षक के साथ जारी पोस्ट में लिखा कि धर्म के ठेकेदार तय नहीं करेंगे कि अच्छा हिंदू कौन या अच्छा मुसलमान कौन. न केसरिया तेरा है न हरा मेरा है. न भगवा रंग किसी के बाप का है, न हरा रंग. मैंने भगवा रंग भाईचारे और एकता के लिए पहना है. मजहब बैर रखना नहीं सिखाता.



उन्‍होंने यह भी कहा कि ऊं नम: शिवाय का जन करने से इस्लाम को कोई खतरा नहीं है. इस मामले में शहर काजी खलीकुर्रेहमान ने कहा कि यात्रा का मकसद अगर हिंदू-मुस्लिम एकता है तो बहुत बढ़िया है. मगर जप करना धर्म का विषय है. साथ जाना अलग बात है. नूरी के जप से धार्मिकता का कोई लेना-देना नहीं. ये महज राजनीतिक स्टंट है. उनकी पोस्ट 'तो आज जारी कर दो फतवा जारी" उनकी नादानी है. मैं इसे अच्छा नहीं मानता. फतवे का इससे क्या लेना-देना.


जिस रथयात्रा में नूरी खान शामिल हुई थी वह वाल्मीकि धाम के संस्थापक संत उमेशनाथ महाराज के नेतृत्व में 'ऊं नम: शिवाय जप यात्रा' पशुपति नाथ मंदिर से प्रारंभ होकर महाकाल मंदिर पहुंची थी. यात्रा के बाद नूरी खान ने मोक्षदायिनी शिप्रा नदी की दुदर्शा पर भी पीड़ा व्यक्त की. एक वीडियो के जरिये शिप्रा शुद्धिकरण के लिए 12 अगस्त को जल सत्याग्रह करने का ऐलान किया.