महिला आरक्षण विधेयक एक चुनावी `जुमला` है, आखिर कांग्रेस ने ऐसा क्यों कहा?
Election Jumla: जयराम रमेश ने कहा कि अब इसमें कहा गया है कि महिला आरक्षण विधेयक के अधिनियम बनने के बाद आयोजित होने वाली पहली दशकीय जनगणना के बाद ही महिलाओं के लिए आरक्षण लागू होगा. यह जनगणना कब होगी?
Women Reservation Bill: आखिरकार महिला आरक्षण बिल नई संसद के पहले दिन (विशेष सत्र के दूसरे दिन) की कार्यवाही में पेश किया गया और गणेश चतुर्थी के दिन इस चर्चित और ऐतिहासिक बिल पर बहस शुरू हो गई. एक तरफ जहां बीजेपी इसके लिए पीएम मोदी को क्रेडिट दे रही है तो वहीं विपक्षी पार्टियां भी प्रतिक्रिया दे रही हैं. इसी कड़ी में कांग्रेस ने इस बिल को लेकर तीखा हमला शुरू कर दिया है. हुआ यह कि कानून मंत्री अर्जुन मेघवाल ने लोकसभा में महिला आरक्षण विधेयक पेश किया, इसके तुरंत बाद कांग्रेस ने मंगलवार को सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि यह विधेयक सबसे बड़े चुनावी 'जुमलों' में से एक है.
'सबसे बड़े चुनावी जुमलों में से एक'
दरअसल, कांग्रेस के सीनियर लीडर और पार्टी के महासचिव जयराम रमेश ने ट्विटर पर लिखा कि यह विधेयक सबसे बड़े चुनावी 'जुमलों' में से एक है. यह करोड़ों भारतीय महिलाओं और लड़कियों की उम्मीदों के साथ बहुत बड़ा धोखा है. चुनावी जुमलों के इस मौसम में, यह उन सभी जुमलों में सबसे बड़ा है. इतना ही नहीं जयराम रमेश ने सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि जैसा कि हमने पहले बताया था, मोदी सरकार ने अभी तक 2021 की दशकीय जनगणना नहीं की है, जिससे भारत जी20 में एकमात्र देश बन गया है जो जनगणना करने में विफल रहा है.
जनगणना के बाद ही लागू होगा!
जयराम रमेश ने कहा कि अब इसमें कहा गया है कि महिला आरक्षण विधेयक के अधिनियम बनने के बाद आयोजित होने वाली पहली दशकीय जनगणना के बाद ही महिलाओं के लिए आरक्षण लागू होगा. यह जनगणना कब होगी? विधेयक में यह भी कहा गया है कि आरक्षण अगली जनगणना के प्रकाशन और उसके बाद परिसीमन प्रक्रिया के बाद ही प्रभावी होगा. क्या 2024 चुनाव से पहले होगी जनगणना और परिसीमन? मूल रूप से यह विधेयक अपने कार्यान्वयन की तारीख के बहुत अस्पष्ट वादे के साथ आज सुर्खियों में है. यह कुछ और नहीं बल्कि ईवीएम-इवेंट मैनेजमेंट है.
इस पर चर्चा 20 सितंबर को
असल में कांग्रेस की तरफ से यह टिप्पणी सरकार द्वारा मंगलवार को महिला आरक्षण विधेयक को नए संसद भवन में लोकसभा में पेश किए जाने के बाद आई है. इस पर चर्चा 20 सितंबर को होगी. वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि महिला आरक्षण बिल पर काफी देर तक चर्चा हुई है. अटल बिहारी वाजपेयी के शासनकाल के दौरान महिला आरक्षण विधेयक कई बार पेश किया गया, लेकिन विधेयक को पारित करने के लिए पर्याप्त बहुमत नहीं था.
बिल मंगलवार को लोकसभा में पेश
पीएम मोदी ने यह भी कहा कि भगवान ने मुझे इसे आगे बढ़ाने का अवसर दिया है. हमारी सरकार आज दोनों सदनों में महिलाओं की भागीदारी पर एक नया विधेयक ला रही है. इस विधेयक का नाम 'नारी शक्ति वंदन अधिनियम' है हो हमारे लोकतंत्र को और सशक्त बनाएगा. बता दें कि महिला आरक्षण बिल मंगलवार को लोकसभा में पेश हो गया है. इसके बाद इसे राज्यसभा में पेश किया जाएगा. इसी बीच कांग्रेस ने सवाल उठाया है कि 2024 में आरक्षण लागू नहीं होगा.