महिला आरक्षण बिल पास भी हो गया तो कब होगा लागू? जानिए पूरा समीकरण
Census And Delimitation: यह बात सही है कि 2021 की जनगणना कोरोना काल की वजह से संभव नहीं हो पाई, जो अभी तक लंबित है. महिला आरक्षण बिल के संबंध में विपक्ष की आशंका यही है कि जनगणना के बाद परिसीमन होगा तब जाकर यह बिल लागू होगा. ऐसे में काफी समय लग सकता है.
Women Reservation Bill 2023: ऐसा लग रहा है कि आखिरकार महिला आरक्षण बिल के दिन आ ही गए हैं. दशकों के संघर्ष के बाद अब नई संसद के पहले दिन की कार्यवाही में मोदी सरकार ने इसे पेश किया और इस चर्चित और ऐतिहासिक बिल पर बहस शुरू हो गई. लेकिन क्या यह संसद से पास होते ही लागू हो जाएगा? क्या आने वाले लोकसभा चुनाव में यह क़ानून बनकर हमारे सामने होगा? इस बिल का जनगणना और परिसीमन से क्या संबंध है? ऐसे कई सवाल है जिसके जवाब अभी जानना जरूरी हैं. कांग्रेस ने तो बिल पेश होने के बाद भी सरकार की मंशा पर सवाल खड़े कर दिए हैं. आइए इस बिल के लागू होने के क्रम में आ रहीं अड़चनों के बारे में जान लेते हैं.
कांग्रेस ने सरकार की मंशा पर उठाए सवाल
दरअसल, 2021 की जनगणना कोरोना काल की वजह से संभव नहीं हो पाई, जो अभी तक लंबित है. महिला आरक्षण बिल के संबंध में विपक्ष की आशंका यही है कि जनगणना के बाद परिसीमन होगा तब जाकर यह बिल लागू होगा. ऐसे में काफी समय लग सकता है. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि यह विधेयक सबसे बड़े चुनावी 'जुमलों' में से एक है. यह करोड़ों भारतीय महिलाओं और लड़कियों की उम्मीदों के साथ बहुत बड़ा धोखा है. सरकार ने अभी तक 2021 की दशकीय जनगणना नहीं की है, ऐसे में किस आधार पर यह लागू होगा क्योंकि यह बिल अगली जनगणना के प्रकाशन और उसके बाद परिसीमन प्रक्रिया के बाद ही प्रभावी होगा. क्या जनगणना और परिसीमन 2024 चुनाव से पहले संभव हो पाएगा.
बिल लागू होने का क्या है पूरा समीकरण
असल में यह बात बिलकुल सही है कि प्रतिनिधित्व में महिलाओं को आरक्षण तब मिल सकेगा जब जनगणना और परिसीमन की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी. देश में 2021 में ही दशकीय जनगणना होनी थी, जो नहीं हो पाई थी. आगे यह जनगणना कब होगी इसकी भी कोई जानकारी नहीं है. कभी 2027 तो कभी 2028 की बात की जाती है. ऐसे में संभव है कि यह जनगणना 2031 में हो. इस जनगणना के बाद ही परिसीमन होगा, तब जाकर यह बिल लागू हो पाएगा. और परिसीमन इसीलिए किया भी जाता है ताकि बढ़ती जनसंख्या के आधार पर आबादी का सही प्रतिनिधित्व हो सके और सभी को समान अवसर मिल सकें.
बुधवार की बहस होगी काफी अहम
अब फिलहाल यह बिल पेश हो चुका है. अगले दिन यानी कि मंगलवार को संसद में बहस होगी. देखना होगा कि विपक्ष की तरफ से बिल को लेकर कितने सवाल पटल पर रखे जाते हैं और सरकार इसका कैसे जवाब दे पाती है. क्या सरकार परिसीमन और जनगणना पर भी जवाब देगी या फिर यह बिल लागू होने में समय लग जाएगा.